

गृह मंत्रालय ने उपराष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए यह जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से हटाकर CRPF को सौंप दी है। अब CRPF उपराष्ट्रपति के निवास, यात्रा और आसपास की सुरक्षा संभालेगी, जबकि दिल्ली पुलिस सिर्फ बाहरी सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदार होगी।
उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में बड़ा बदलाव
CRPF की टीम अब उपराष्ट्रपति के निवास, ठहरने की जगह, आसपास की सुरक्षा और मोबाइल सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी। गृह मंत्रालय ने इसे “ब्लू बुक 2025” की गाइडलाइन्स के तहत लागू किया है, जो वीवीआईपी सुरक्षा के लिए बनायी गयी है।
उपराष्ट्रपति की सुरक्षा अब किसके हाथ?
दिल्ली पुलिस अब केवल उपराष्ट्रपति के आवास के बाहर सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी। विशेषकर वाहनों के प्रवेश-प्रस्थान और निवास परिसर की रिंग बनाकर। इस विस्तार ने सुरक्षा कार्यों में स्पष्ट विभाजन स्थापित किया है।
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उपराष्ट्रपति को मिल रही Z+ सुरक्षा देश में प्रधानमंत्री और उनके परिवार के बाद सबसे व्यापक सुरक्षा प्रणाली है। इसमें नियमित तौर पर लगभग 50 जवान तैनात होते हैं, ताकि आवागमन, निवास और सुरक्षा कवरेज मजबूत रहे।
ब्लू बुक गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण गाइडलाइन है, जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति की सुरक्षा से संबंधित विस्तृत प्रावधान शामिल हैं। यह सुरक्षा कवरेज, सुरक्षा कर्मियों की संख्या और अन्य आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है।
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इस बदलाव से उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और प्रभावी, सटीक और केंद्रीकृत नेतृत्व वाला बनेगी। जहां CRPF आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, वहीं दिल्ली पुलिस बाहरी सुरक्षा और प्रवेश प्रबंधन में दक्षता लाएगी। यह रणनीतिक बदलाव संभावित खतरों के बीच सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम है।