

भारत में उपराष्ट्रपति का पद लोकतंत्र में अहम है। वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यभार संभालते हैं। सीपी राधाकृष्णन को सुरक्षा, आवास, गाड़ी व अन्य सुविधाएं मिलेंगी। उपराष्ट्रपति का वेतन राष्ट्रपति से थोड़ा कम तय होता है।
देश के नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन
New Delhi: सीपी राधाकृष्णन ने 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट ही मिल सके। इस जीत के साथ राधाकृष्णन अब जल्द भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से यह पद रिक्त था।
भारत का उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, लेकिन अगर उत्तराधिकारी समय पर पद ग्रहण नहीं करता, तो मौजूदा उपराष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पद पर बने रह सकते हैं। यह पद न केवल संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि शासन और संसदीय कार्यप्रणाली के सुचारू संचालन में भी अहम भूमिका निभाता है।
नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन और पीएम नरेंद्र मोदी
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। इस नाते उनके पास कई संवैधानिक अधिकार और शक्तियां होती हैं। वे सदन के संचालन और नियमों की व्याख्या करने वाले अंतिम प्राधिकारी हैं। राज्यसभा में दल-बदल के मामलों में निर्णय उन्हीं का होता है। विशेषाधिकार उल्लंघन नोटिस पर उनकी सहमति अनिवार्य होती है। संसदीय समितियों में सदस्यों को नामित करने और अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार उन्हीं के पास होता है।
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अगर राष्ट्रपति का पद मृत्यु, इस्तीफे, बर्खास्तगी या बीमारी/विदेश यात्रा जैसी परिस्थितियों के कारण रिक्त हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति कार्यकारी राष्ट्रपति का दायित्व संभालते हैं। हालांकि यह व्यवस्था अस्थायी होती है और अधिकतम छह महीने तक ही रह सकती है। इस दौरान उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की सभी शक्तियां, फायदे और वेतन प्राप्त होते हैं।
उपराष्ट्रपति को प्रत्यक्ष रूप से कोई वेतन नहीं मिलता। उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर वेतन और भत्ते दिए जाते हैं।
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उपराष्ट्रपति को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें शामिल हैं:
सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें ₹2 लाख प्रतिमाह पेंशन और एक बंगला उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही निजी सचिव, अतिरिक्त सचिव, डॉक्टर, नर्सिंग अफसर और चार अटेंडेंट की सुविधा भी दी जाती है। पूर्व-उपराष्ट्रपति के निधन की स्थिति में उनकी पत्नी को आजीवन आवास (टाइप-7 घर) मिलता है।