यमन जेल में बंद भारतीय नर्स को राहत : निमिषा प्रिया को मिलेगी रिहाई, जानें कब आएगी भारत

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा काट रही थीं, उनकी रिहाई की उम्मीद अब बन गई है। ईसाई धर्म प्रचारक डॉ. केए पॉल के अनुसार, यमन की सरकार ने उनकी मौत की सजा रद्द कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यमन के नेताओं को धन्यवाद देते हुए जल्द ही निमिषा की भारत वापसी की बात कही है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 22 July 2025, 11:19 AM IST
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New Delhi: केरल की निवासी और यमन में नर्स के रूप में कार्यरत निमिषा प्रिया को राहत की खबर मिली है। ईसाई धर्म प्रचारक और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश में दावा किया कि निमिषा की मौत की सजा यमन सरकार ने रद्द कर दी है।

प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद

डॉ. पॉल ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं कि वे निमिषा को लाने के लिए राजनयिक भेज रहे हैं। यमन के नेताओं ने दिन-रात मेहनत की और भगवान के आशीर्वाद से अब निमिषा को रिहा किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय भी कर रहा सहयोग

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी पहले जानकारी दी थी कि निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए सरकार प्रयासरत है। उनके परिवार की ओर से एक वकील को यमन में नियुक्त किया गया है जो स्थानीय शरिया कानून के अनुसार कानूनी सहायता दे रहा है। मंत्रालय के अनुसार, "शरिया कानून के तहत दया याचिका" दाखिल की गई है, जिसमें मृतक के परिवार की क्षमा आवश्यक होती है।

फांसी टालने में धार्मिक नेताओं की भूमिका

इस मामले में केरल के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबकर अहमद कांतापुरम ने भी बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने यमन के मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क कर निमिषा की रिहाई की अपील की थी। उनके अनुसार, 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी उनकी पहल के बाद टाल दी गई थी।

क्यों दी गई थी मौत की सजा?

2008 में यमन गईं निमिषा प्रिया ने एक स्थानीय नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर 2015 में एक मेडिकल क्लिनिक शुरू किया था। लेकिन 2017 में महदी का शव एक वॉटर टैंक में मिला और हत्या का आरोप निमिषा पर लगा। निमिषा के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि महदी ने उनके साथ शारीरिक शोषण किया था और पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था। इसी के चलते आत्मरक्षा में उन्होंने यह कदम उठाया। लेकिन महदी के परिवार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। 2020 में सना की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जिसे 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा। फिलहाल वह सना जेल में बंद हैं।

निमिषा की वापसी पर टिकी उम्मीदें

अब जब डॉ. केए पॉल और विदेश मंत्रालय दोनों की ओर से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही निमिषा भारत लौट सकेंगी। हालांकि कानूनी प्रक्रिया अभी जारी है, लेकिन यह खबर उनके परिवार और देश के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है।

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