

उत्तर भारत में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। हरिद्वार में रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ, जबकि पंजाब, हिमाचल और राजस्थान में बाढ़ व भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। सेना और राहत एजेंसियां लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं।
बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार
New Delhi: उत्तर भारत इन दिनों भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की त्रासदी से जूझ रहा है। आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं। उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान जैसे राज्यों में हालात गंभीर बने हुए हैं।
सोमवार सुबह लगभग 6:45 बजे हरिद्वार में काली माता मंदिर के पास भीमगोडा रेलवे टनल के नजदीक पहाड़ी मलबा रेलवे ट्रैक पर गिर गया, जिससे देहरादून-ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच रेल यातायात ठप हो गया। इस घटना से 23 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ, जिनमें प्रमुख रूप से चंदौसी-ऋषिकेश पैसेंजर, हावड़ा-योगनगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस, अमृतसर-देहरादून एक्सप्रेस और बाड़मेर-ऋषिकेश एक्सप्रेस शामिल थीं। यात्रियों को उनके गंतव्य तक पांच बसों की सहायता से पहुंचाया गया। रेलवे प्रशासन ने करीब 11 घंटे बाद शाम 5 बजे ट्रैक को पुनः चालू किया। उल्लेखनीय है कि एक महीने में यह दूसरी बार हुआ है जब इसी स्थान पर मलबा गिरने से रेल यातायात बाधित हुआ।
बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हाहाकार
पंजाब सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है। बाढ़ के कारण राज्य में अब तक 51 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 3.87 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 4.34 लाख एकड़ में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं। राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रति एकड़ ₹20,000 का मुआवजा देने की घोषणा की है। धान और बासमती चावल की फसलों पर बाढ़ का गहरा असर पड़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार, बासमती चावल के कुल उत्पादन में 6 लाख टन की कमी आ सकती है, जिससे चावल के निर्यात पर भी असर पड़ेगा। राज्य के विभिन्न हिस्सों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। अब तक 23,015 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और 123 राहत शिविरों में 5,416 लोग शरण लिए हुए हैं।
देशभर में भारी बारिश और बाढ़ के कहर को देखते हुए सेना, BSF, NDRF और SDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। सेना ने 30 हेलिकॉप्टर राहत कार्यों में तैनात किए हैं। अप्रैल से अब तक सेना ने देशभर के 75 स्थानों पर राहत कार्य कर 21,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया है। इसके अलावा करीब 9,700 लोगों को मेडिकल सहायता भी प्रदान की गई है।
हिमाचल प्रदेश में स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे 14 दिन बाद बहाल किया गया, जिससे स्थानीय लोगों को कुछ राहत मिली है। कुल्लू और मनाली के बीच हाईवे को बहाल करने का कार्य भी तेजी से चल रहा है। सोमवार शाम तक राज्य में कुल 744 सड़कें, 959 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 472 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। हालांकि मौसम विभाग ने 14 सितंबर तक किसी नए अलर्ट की चेतावनी नहीं दी है।
राजस्थान के भरतपुर के दीग क्षेत्र में भारी बारिश के कारण एक मकान गिर गया, जिससे एक भाई-बहन की मौत हो गई और परिवार के चार सदस्य घायल हो गए। सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में एक सरकारी स्कूल की इमारत का हिस्सा गिर गया, लेकिन स्कूल खुलने से पहले यह हादसा हुआ, जिससे बड़ा हादसा टल गया। उदयपुर में भूस्खलन के कारण झाड़ोल राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी पत्थर गिर गए और यातायात बाधित हो गया।