सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नाराज राहुल गांधी, कहा- आवारा कुत्ते कोई समस्या नहीं, फिर क्यों किया ऐसा?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश पर राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे मानवता और विज्ञान आधारित नीति से पीछे हटने जैसा बताया। सुप्रीम कोर्ट ने रेबीज के मामलों को देखते हुए 6 हफ्तों में 5000 कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखने और 8 हफ्तों में शेल्टर तैयार करने के आदेश दिए हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 12 August 2025, 12:52 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखने के निर्देशों पर अब राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कड़ी आलोचना की है।

"ये बेजुबान जानवर कोई समस्या नहीं"

राहुल गांधी ने इस फैसले को "मानवता और विज्ञान पर आधारित दशकों पुरानी नीति से पीछे हटने जैसा" करार दिया और कहा कि ये बेजुबान जानवर कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें खत्म कर दिया जाए।

राहुल गांधी ने क्या कहा?

राहुल गांधी ने कहा, "शेल्टर्स, नसबंदी, वैक्सीनेशन और कम्युनिटी केयर ही सड़कों को सुरक्षित रख सकते हैं। वो भी बिना किसी क्रूरता के। सामूहिक रूप से कुत्तों को हटाने का कदम न सिर्फ क्रूर है, बल्कि यह करुणा और दूरदर्शिता से भी परे है।" उन्होंने यह भी कहा कि "हम जन सुरक्षा और पशु कल्याण को एक साथ सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके लिए संतुलित, मानवीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत है।"

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज से होने वाली मौतों पर स्वतः संज्ञान (suo moto) लेते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि यह स्थिति "चिंताजनक और डरावनी" हो चुकी है। इसके बाद सोमवार को कोर्ट ने आदेश दिया कि 8 सप्ताह के भीतर आवारा कुत्तों के लिए स्थायी शेल्टर होम बनाए जाएं। 6 हफ्तों में 5000 कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद शेल्टर में भेजा जाए।

विवाद क्यों हुआ?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पशु अधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरणविद् और अब राजनीतिक दल भी चिंतित हैं। उनका मानना है कि ऐसे कदमों से जानवरों के खिलाफ क्रूरता को बढ़ावा मिल सकता है। इससे सामाजिक और नैतिक दृष्टि से गलत संदेश भी जाएगा। राहुल गांधी पहले भी पशु अधिकार और संवेदनशीलता से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहे हैं। इस बार भी उन्होंने अदालत के फैसले के खिलाफ अपनी राय रखकर जन और पशु सुरक्षा के बीच संतुलन की वकालत की है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 12 August 2025, 12:52 PM IST