फिजियोथेरेपिस्ट को ‘Dr.’ लिखने की अनुमति पर रोक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वापस लिया आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक आधिकारिक पत्र जारी कर स्पष्ट किया गया है कि पहले जारी निर्देश को “सभी संबंधित पक्षों की राय और कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद” फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है, “यह विषय जटिल है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 11 September 2025, 2:23 PM IST
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New Delhi: फिजियोथेरेपिस्ट अब अपने नाम के आगे 'Dr.' नहीं लिख पाएंगे। कम से कम तब तक, जब तक कि केंद्र सरकार इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लेती। 9 सितंबर 2025 को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट को 'Dr.' और 'PT' उपाधि का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी, उसे भारी विरोध और कानूनी चुनौतियों के बाद वापस ले लिया गया है।

सरकारी आदेश में बदलाव क्यों हुआ?

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक आधिकारिक पत्र जारी कर स्पष्ट किया गया है कि पहले जारी निर्देश को “सभी संबंधित पक्षों की राय और कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद” फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। पत्र में कहा गया है, "यह विषय जटिल है और इसमें कई संगठनों, चिकित्सा निकायों और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। इसलिए पूर्व में जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।"

फिजियोथेरेपिस्ट

क्या था पुराना आदेश?

9 सितंबर को जारी निर्देश में कहा गया था कि भारत में फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे 'Dr.' और पीछे 'PT' लगा सकते हैं, जिससे उन्हें पेशेवर पहचान और सम्मान मिले। इस आदेश को लेकर कई फिजियोथेरेपिस्ट संगठनों ने खुशी जाहिर की थी, लेकिन कुछ ही दिनों में विवाद खड़ा हो गया।

विवाद क्यों हुआ?

स्वास्थ्य मंत्रालय को भारतीय भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास संघ (IAPMR) और कई अन्य मेडिकल संगठनों से विरोध पत्र प्राप्त हुए। उनका तर्क था कि फिजियोथेरेपिस्ट "मेडिकल डॉक्टर" नहीं होते और 'Dr.' टाइटल का प्रयोग करना जनता को भ्रमित कर सकता है। IAPMR ने कहा कि फिजियोथेरेपिस्टों को मरीजों की डायग्नोसिस या दवाओं की सलाह देने का अधिकार नहीं होता और इस टाइटल से यह आभास हो सकता है कि वे चिकित्सा डॉक्टर हैं।

क्या कहा DGHS ने?

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने भी इस संबंध में प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस टाइटल का प्रयोग करना गैरकानूनी और भ्रामक हो सकता है। DGHS ने पटना हाई कोर्ट, मद्रास हाई कोर्ट और अन्य अदालतों के पुराने फैसलों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया है कि बिना मेडिकल रजिस्ट्रेशन के 'Dr.' टाइटल का प्रयोग अवैध है।

कानूनी पहलू क्या कहते हैं?

• कई अदालतों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल वही व्यक्ति ‘Dr.’ टाइटल लगा सकता है जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अब NMC) या अन्य संबंधित प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त हो।
• अदालतों ने कहा है कि ‘Dr.’ टाइटल का गलत इस्तेमाल धोखाधड़ी और कानून उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

फिजियोथेरेपिस्ट समुदाय की प्रतिक्रिया

देशभर के कई फिजियोथेरेपिस्टों ने इस कदम को “एक झटका” बताया है। उनका कहना है कि यह पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। कुछ संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया है कि “Doctor of Physical Therapy (DPT)” जैसे अंतरराष्ट्रीय मॉडल को भारत में भी अपनाया जाए।

Physiotherapy Curriculum 2025 में बदलाव की मांग

डॉ. सुनीता शर्मा वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट और NCAHP सलाहकार समिति की सदस्य ने सुझाव दिया कि नए Physiotherapy Curriculum 2025 में 'Dr.' टाइटल का उल्लेख न किया जाए। इसके बजाय 'Physiotherapist' शब्द का ही प्रयोग किया जाए जिससे स्पष्टता बनी रहे और मरीजों को भ्रमित न किया जाए।

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