हिंदी
संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह में जी राम जी बिल कल लोकसभा में पेश होगा और स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा। इसी सप्ताह प्रदूषण पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा और परमाणु ऊर्जा से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिलों पर गहन जांच की तैयारी है।
अंतिम हफ्ते में संसद में इन विधेयकों पर चर्चा
New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह में सरकार के विधायी एजेंडे पर तस्वीर साफ होती दिख रही है। मनरेगा को रिप्लेस करने वाला ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ या जी राम जी बिल कल संसद में पेश किया जाएगा। पहले इसे आज पेश किए जाने की संभावना जताई गई थी, लेकिन अब इसकी टाइमलाइन बदल गई है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजेगी ताकि ग्रामीण रोजगार, राज्यों पर बढ़ते वित्तीय बोझ और मनरेगा की जगह नए कानून की जरूरत जैसे पहलुओं पर गहन समीक्षा हो सके। बिल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार गारंटी को और अधिक प्रभावी बनाना है, जबकि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
शीतकालीन सत्र को लेकर अधिसूचना जारी, एसआईआर पर हंगामे की संभावना; जानें कब से शुरू होगा सत्र
इस सप्ताह उच्च शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों पर भी संसद में चर्चा होगी। हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) बिल को एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास भेजा जाएगा। इस बिल का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बढ़ाना और उनके रेगुलेशन में सुधार लाना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल केंद्र-राज्य संतुलन और विश्वविद्यालयों के संचालन में संवेदनशील बदलाव ला सकता है। इसलिए सरकार और विपक्ष दोनों इस पर विस्तृत चर्चा करना चाहते हैं, ताकि शिक्षा क्षेत्र में किसी भी विवादास्पद फैसले से बचा जा सके।
शीतकालीन सत्र (Img- Google)
संसद इस हफ्ते एटॉमिक एनर्जी अमेंडमेंट बिल पर भी विचार करेगी। इसके जरिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी का रास्ता खोला जाएगा। यह कदम ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हालांकि, विपक्ष इस विषय पर सरकार को कड़ी आलोचना के लिए तैयार है। उन्हें डर है कि निजी कंपनियों की भागीदारी से सुरक्षा मानकों और सरकारी नियंत्रण पर असर पड़ सकता है। स्टैंडिंग कमेटी इस बिल को गहन जांच के लिए भेजे जाने का निर्णय लिया गया है।
इसी सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण संकट पर भी संसद में चर्चा होगी। विपक्ष इस मुद्दे को राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य संकट बताते हुए सरकार को घेरने की तैयारी में है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है और इससे लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल नीति और समाधान प्रस्तुत करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
संसद में गूंजा मिलिंद देवरा का बयान, शीतकालीन सत्र में बढ़ी हलचल, जानें ऐसा क्या कहा
इस हफ्ते संसद में कुल तीन बड़े बिलों को विधायी जांच के लिए भेजा जा रहा है:
1. जी राम जी बिल– ग्रामीण रोजगार और वित्तीय बोझ पर गहन समीक्षा
2. हायर एजुकेशन बिल– विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और रेगुलेशन
3. एटॉमिक एनर्जी अमेंडमेंट बिल– निजी निवेश और सुरक्षा पहलुओं पर बहस