

भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि 15 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी। देश में अब तक सामान्य से 7% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। उधर, सिक्किम में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ, जिसमें एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई।
इस दिन से होगी मानसून की विदाई
New Delhi: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 15 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए मौसम की स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
सामान्यत: मानसून 1 जून को केरल तट पर दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। इसके बाद 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से इसकी वापसी की प्रक्रिया आरंभ होती है और यह 15 अक्तूबर तक देश के अन्य हिस्सों से पूरी तरह लौट जाता है। इस वर्ष मानसून की शुरुआत और फैलाव दोनों ही रिकॉर्ड समय से पहले हुए। केरल में मानसून 24 मई को ही पहुंच गया था, जो 2009 के बाद से सबसे जल्दी आगमन है। पूरे देश में मानसून ने 8 जुलाई की सामान्य तिथि से नौ दिन पहले ही, यानी 29 जून तक अपनी पकड़ बना ली थी। 2020 के बाद यह पहला अवसर है जब मानसून इतनी जल्दी पूरे भारत में सक्रिय हुआ।
इस दिन से होगी मानसून की विदाई
आईएमडी ने बताया कि इस वर्ष अब तक देशभर में 836.2 मिमी वर्षा हुई है, जबकि सामान्य औसत 778.6 मिमी है। यानी इस बार मानसून ने अब तक सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक वर्षा दी है। मई में जारी अपने पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने कहा था कि देश को दीर्घकालिक औसत वर्षा (87 सेमी) का 106 प्रतिशत वर्षा मिलने की संभावना है। 96 से 104 प्रतिशत के बीच की वर्षा को सामान्य माना जाता है।
भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून का कृषि पर गहरा असर पड़ता है। देश की लगभग 42 फीसदी आबादी की आजीविका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। इसके अतिरिक्त, कृषि का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 18.2 प्रतिशत योगदान है। मानसून केवल खेती के लिए ही नहीं, बल्कि पेयजल, बिजली उत्पादन और जलाशयों को भरने में भी अहम भूमिका निभाता है।
जहां एक ओर देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की सामान्य से बेहतर स्थिति रही, वहीं पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बारिश ने तबाही मचाई। सिक्किम के ग्यालशिंग जिले के रिम्बी क्षेत्र में शुक्रवार को भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई। सिक्किम पुलिस के मुताबिक, भूस्खलन से एक घर पूरी तरह ढह गया। घटना के समय परिवार सो रहा था। राहत और बचाव कार्य में जुटे पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (SSB) और स्थानीय लोगों ने मलबे से सभी को बाहर निकाला। तीन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिवार का सात वर्षीय बच्चा चमत्कारिक रूप से जीवित बच गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
आईएमडी ने हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में भी भूस्खलन, बाढ़ और नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। राज्य आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। पर्यटकों को पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है।