

बिहार में मानसून फिलहाल सक्रिय है और राज्य के कई जिलों में तेज बारिश, गरज और वज्रपात का अलर्ट जारी है। पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सुपौल, अररिया और किशनगंज में येलो अलर्ट के बीच अगले पांच दिनों तक मानसून सक्रिय रहेगा।
मौसम अपडेट (Img: Google)
Patna: बिहार में मानसून सक्रिय है और बुधवार 10 सितंबर को भी राज्य के कई जिलों में भारी बारिश, तेज हवाओं, मेघ गर्जन और वज्रपात का अनुमान मौसम विभाग ने जताया है। खासतौर पर उत्तर बिहार में बारिश की तीव्रता अधिक रहेगी, जबकि दक्षिण बिहार में अपेक्षाकृत कम वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के पांच जिलों, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, अररिया और किशनगंज में येलो अलर्ट जारी किया है।
बुधवार की सुबह से ही इन जिलों में बारिश और गर्जन शुरू हो चुकी है। शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों में भी बारिश के साथ मेघ गर्जन की चेतावनी दी गई है। इन क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिससे सावधानी बरतने की जरूरत है। राजधानी पटना में भी देर रात को बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है।
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले पांच दिनों तक मानसून बिहार में सक्रिय रहेगा। इसका असर तापमान पर भी पड़ा है और कई जिलों में तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को पटना में तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो सामान्य से लगभग 2.3 डिग्री कम था। मोतिहारी में सबसे अधिक तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य के अधिकांश जिलों में तापमान 31 से 32 डिग्री के बीच बना हुआ है।
मौसम अपडेट (Img: Google)
बीते मंगलवार को हुई बारिश में किशनगंज सबसे आगे रहा जहां 117.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई। अररिया में 95 मिमी, खगड़िया में 80.4 मिमी, समस्तीपुर में 78.4 मिमी और बेगूसराय में 68.4 मिमी वर्षा हुई। पूर्णिया, सिवान और पटना के फतुहा क्षेत्र में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। साथ ही बख्तियारपुर, पंडारक, दनियावां और अथमलगोला में मध्यम स्तर की बारिश हुई। मौसम विभाग ने बिजली गिरने और तेज हवाओं के कारण सतर्क रहने की सलाह दी है। बारिश से गर्मी से राहत मिली है, लेकिन अचानक मौसम के बदले स्वरूप से नुकसान भी हो सकता है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी होगी।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार के ज्यादातर हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक बारिश और तापमान में स्थिरता बनी रहेगी, जिससे किसानों को खेती के लिए भी फायदा होगा। वहीं, तेज हवाओं और वज्रपात से जुड़ी संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।