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उत्तर प्रदेश में ठंडी और शुष्क पछुआ हवाओं के कारण तापमान में भारी गिरावट आ गई है। लखनऊ में न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, जबकि कानपुर में तापमान 4 डिग्री तक पहुंच गया है। IMD के अनुसार, आने वाले दिनों में और ठंड बढ़ सकती है।
उत्तर प्रदेश में शीतलहर (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में इस समय सर्दी की तीव्रता बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में तापमान में लगातार गिरावट आ रही है और यह गिरावट आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है। प्रदेश में ठंडी और शुष्क पछुआ हवाओं का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है, जिसके कारण विभिन्न इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि इस समय उत्तर पश्चिमी और पछुआ हवाओं का असर राज्य के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। लखनऊ में गुरुवार को अधिकतम तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जो 24.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस तक गिरा।
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IMD के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस सप्ताह प्रदेश के सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इसके साथ ही, सुबह के समय धुंध और कुछ स्थानों पर हल्के कोहरे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में शीतलहर की स्थिति बन रही है। खासकर कानपुर नगर में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो प्रदेश में सबसे कम तापमान रहा। वहीं, अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से काफी कम था। इसके अलावा, लखनऊ, बहराइच, वाराणसी और कानपुर देहात जैसे जिलों में भी तापमान में गिरावट आई है।
ठंडी हवाओं ने बढ़ाया ठंड (फोटो सोर्स- गूगल)
कानपुर देहात में अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस, बहराइच में 26.4 डिग्री सेल्सियस और वाराणसी में 26.3 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। हालाँकि, प्रदेश के अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है, जिससे ठंडी का एहसास और भी बढ़ गया है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के किसानों को भी सावधान किया है। क्योंकि शुष्क मौसम और कम तापमान की स्थिति में फसलें प्रभावित हो सकती हैं। खासकर, गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों के लिए यह मौसम अधिक अनुकूल नहीं माना जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि किसान इस समय फसलों की सिंचाई पर ध्यान दें और सुबह के समय ओस या कोहरे के कारण बुवाई के दौरान अतिरिक्त नमी से बचने के लिए सतर्क रहें। इसके अलावा, किसानों को सर्दी से बचाव के लिए फसलों पर उचित सुरक्षा उपाय भी करने की सलाह दी जा रही है।
उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी ठंडी का असर बढ़ा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में भी तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। इन क्षेत्रों में भी शीतलहर की स्थिति बन सकती है, और अगले कुछ दिनों तक तापमान में गिरावट आने की संभावना है।