झारखंड जमीन घोटाला: ED की छापेमारी से दिल्ली और रांची में मचा हड़कंप, फर्जी दस्तावेजों से अवैध कमाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह रांची और दिल्ली में जमीन घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की। फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों की जमीन बेची गई थी, जिसमें सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 23 September 2025, 11:07 AM IST
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Ranchi/Delhi: झारखंड की राजधानी रांची और दिल्ली में मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई एक बड़े जमीन घोटाले से जुड़ी हुई है जिसमें करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी। ED ने दिल्ली के तीन और रांची के छह ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। यह छापेमारी KENKE ब्लॉक और रांची की विवादित जमीनों से जुड़े मामलों को लेकर की गई है।

जांच एजेंसी को मिले पुख्ता सबूतों के अनुसार, कमलेश कुमार नाम के व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित साजिश रची थी। इस साजिश में स्थानीय सर्किल ऑफिसर्स की मिलीभगत भी सामने आई है। इन लोगों ने मिलकर सरकारी दस्तावेजों को फर्जी तरीके से तैयार किया और सरकारी तथा निजी जमीनों को बेच डाला। यह पूरा खेल इतने बड़े पैमाने पर खेला गया कि आरोपियों ने करोड़ों रुपये की अवैध कमाई कर ली।

छापेमारी कहां हुई?

मंगलवार सुबह से ही ED की टीमें दिल्ली और रांची में 9 स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। दिल्ली में 3 स्थानों पर कार्रवाई हुई है जबकि रांची में 6 ठिकानों को टारगेट किया गया है। इन ठिकानों में कमलेश कुमार का मुख्य सहयोगी बीके सिंह और उससे जुड़े व्यक्तियों के घर व दफ्तर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, ED को पहले ही इन ठिकानों पर भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिलने की संभावना थी।

प्रवर्तन निदेशालय

क्या है पूरा मामला?

ED की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि केन्के ब्लॉक और रांची के अन्य प्रमुख इलाकों में कई महंगी जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए बेचा गया। कमलेश कुमार और उसके नेटवर्क ने इन जमीनों को वैध दिखाने के लिए नकली रजिस्ट्री, फर्जी खतियान और पुराने दस्तावेजों को तैयार किया। इस साजिश में कुछ सर्किल ऑफिसर भी शामिल थे, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर इन दस्तावेजों पर सत्यापन की मुहर लगा दी। इन जमीनों को फिर विभिन्न निवेशकों, बिल्डरों और स्थानीय व्यापारियों को ऊंचे दामों पर बेचा गया। इस दौरान आरोपी करोड़ों रुपये का लाभ कमाने में सफल रहे। जमीनों के दाम और कागजातों के मिलान में जब विसंगतियां सामने आईं, तब यह मामला ED के रडार पर आया।

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2024 में दर्ज हुआ था केस

ED ने इस मामले में साल 2024 में PMLA के तहत केस दर्ज किया था। तब से जांच लगातार जारी थी और अब पुख्ता सबूत मिलने के बाद मंगलवार को यह छापेमारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सिर्फ पहला चरण है। आगे और भी लोगों से पूछताछ और छापेमारी की जा सकती है।

बीके सिंह की भूमिका पर सवाल

कमलेश कुमार का करीबी सहयोगी बीके सिंह इस घोटाले का एक अहम किरदार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीके सिंह ने कई फर्जी कंपनियों के जरिए इन जमीनों की बिक्री की योजना बनाई और उन्हें वैध रूप देने का प्रयास किया। ED को शक है कि बीके सिंह के पास इस घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं।

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क्या मिल सकता है आगे?

ED अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती छापेमारी में कई दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए हैं। इनसे यह उम्मीद है कि घोटाले में शामिल अन्य लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही, पैसों के ट्रांजैक्शन की पूरी श्रृंखला का भी खुलासा हो सकता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 23 September 2025, 11:07 AM IST