

भारत के सख्त रुख और सैन्य दबाव के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी संकट में आ गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
नई दिल्ली: गुरुवार को भारतीय सशस्त्र बलों ने जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में पाकिस्तान की ओर से किए गए मिसाइल और ड्रोन हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की यह आक्रामक कोशिश भारत की सैन्य तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था के सामने टिक नहीं पाई। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने समय पर कार्रवाई कर हमले को नाकाम कर दिया और जवाब में पाकिस्तान को गंभीर सैन्य क्षति पहुंचाई।
डायनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कुछ लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इसके अलावा थलसेना और नौसेना ने भी पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय नौसेना का प्रमुख विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत भी अब पूरी तरह सक्रिय भूमिका में है और समुद्री मोर्चे पर तैनात है। इस संयुक्त सैन्य अभियान ने पाकिस्तान को चौतरफा झटका दिया है।
पाकिस्तान में मचा हाहाकार, देशभर में लॉकडाउन
भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए हैं। कई बड़े शहरों में आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं और पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है। नागरिकों से घरों में रहने की अपील की जा रही है, वहीं प्रशासनिक व्यवस्था पर दबाव साफ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान की सरकार और सेना के पास इस संकट से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं दिख रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मजबूत कूटनीति
पाकिस्तान की उकसावे वाली हरकतों के बीच भारत ने न सिर्फ सैन्य बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी सक्रियता दिखाई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार देर रात अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ खास बातचीत में जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति और जवाबी रणनीति साझा की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लक्षित और संतुलित जवाब दिया है। हम किसी भी उकसावे का मजबूती से मुकाबला करेंगे।" जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस लड़ाई में स्पष्ट रूप से भारत के साथ खड़ा होगा।
मार्को रुबियो ने अपनी ओर से क्षेत्र में तनाव कम करने की जरूरत पर जोर दिया और भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत की वकालत की। उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन संवाद बनाए रखने और गलतफहमी को रोकने के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई
भारत के सख्त रुख और सैन्य दबाव के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी संकट में आ गई है। इस्लामाबाद अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक मदद की अपील कर रहा है। पाकिस्तान सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट पर एक पोस्ट जारी कर कहा, "दुश्मन द्वारा किए गए भारी नुकसान के बाद, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से अतिरिक्त ऋण की अपील करता है। युद्ध की स्थिति और गिरते आर्थिक संसाधनों के बीच, हम वैश्विक समुदाय से तनाव कम करने और आर्थिक सहयोग की अपील करते हैं।"