कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव, आम नागरिक क्यों नहीं डालते वोट; जानिए मतदान से लेकर मतगणना का तरीका

देश में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर इस समय सियासी माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष अभी अपनी रणनीति तय कर रहा है। आइए समझते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया, नियम और कौन बन सकता है इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 19 August 2025, 6:56 PM IST
google-preferred

New Delhi: देश में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर इस समय सियासी माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष अभी अपनी रणनीति तय कर रहा है। आइए समझते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया, नियम और कौन बन सकता है इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार।

उपराष्ट्रपति चुनाव में नामांकन की अनिवार्य शर्तें

भारतीय संविधान और संबंधित कानूनों के तहत उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 प्रस्तावक (Proposers) और 20 अनुमोदक (Seconders) की आवश्यकता होती है। ये सभी प्रस्तावक और अनुमोदक संसद के सदस्य होने चाहिए, यानी या तो वे लोकसभा के सांसद होंगे या राज्यसभा के। कुल मिलाकर, नामांकन के लिए कम से कम 40 सांसदों का समर्थन जरूरी है।

यह नियम ‘द प्रेजिडेंशियल एंड वाइस-प्रेजिडेंशियल इलेक्शंस एक्ट, 1952’ की धारा 5बी और संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत लागू होता है।

किसे वोट डालने का अधिकार नहीं?

उपराष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष नहीं बल्कि परोक्ष (Indirect) रूप से होता है। इस चुनाव में वोटर होते हैं संसद के सभी सांसद — चाहे वे चुने गए हों या मनोनीत। यानी, लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य वोटिंग में भाग लेते हैं। यहां खास बात यह है कि मनोनीत सांसद भी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डाल सकते हैं, जबकि राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसदों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता। इसके विपरीत राष्ट्रपति चुनाव में राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य भी वोट डालते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल संसद के सदस्य ही वोटर होते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कैसे होती है?

जब उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो जाता है या यह पद किसी कारण खाली हो जाता है, तो संविधान के अनुच्छेद 68(1) के अनुसार 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना जरूरी होता है। चुनाव आयोग लोकसभा या राज्यसभा के महासचिव को चुनाव अधिकारी नियुक्त करता है, जो चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया का संचालन करता है।

नामांकन के लिए उम्मीदवार को 15,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होती है। यदि उम्मीदवार को कुल मतों का कम से कम एक छठा हिस्सा (1/6) नहीं मिलता, तो यह जमानत राशि वापस नहीं की जाती। मतदान में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम (STV) अपनाया जाता है, जिसमें हर सांसद का एक वोट होता है और यह गुप्त मतदान होता है। जीतने के लिए उम्मीदवार को वैध मतों के एक निश्चित औसत से अधिक वोट प्राप्त करने होते हैं।

उपराष्ट्रपति बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?

संविधान के अनुच्छेद 66(3) में उपराष्ट्रपति बनने के लिए ये मानक तय किए गए हैं:

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
  • उसे राज्यसभा सदस्य बनने के लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त होनी चाहिए।
  • अगर कोई व्यक्ति केंद्र या राज्य सरकार के वेतनभोगी पद (प्रॉफिट ऑफिस) पर कार्यरत है, तो वह उपराष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य होगा।

सवालों के घेरे में दिल्ली का ‘मकान नंबर 0’, जानिए क्यों हो रही है इसको लेकर इतनी चर्चा; बिहार में चल रहे SIR से जुड़ा है मुद्दा?

Location :