हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन: 339 सड़कें बंद, बिजली के साथ पानी की सप्लाई ठप

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 339 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी और कुल्लू जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है। ऊना जिले के बेहला गांव में गोशाला ध्वस्त हो गई, जबकि अंब के स्कूल में जलभराव की समस्या बनी हुई है। मौसम विभाग ने 28 अगस्त तक बारिश का अलर्ट जारी किया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 22 August 2025, 12:32 PM IST
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Shimla: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य में शुक्रवार सुबह 10 बजे तक एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 339 सड़कें बंद रहीं। इनमें मंडी जिले में सर्वाधिक 165 और कुल्लू में 123 सड़कें बाधित हैं। राज्य में 132 बिजली ट्रांसफार्मर और 141 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं, जिससे कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है।

गांव बेहला में गोशाला ढही, भैंस मलबे में दबी

ऊना जिले की उप-तहसील जोल के गांव बेहला में गुरुवार रात को हुई मूसलधार बारिश से रविंद्र सिंह पुत्र नसीब सिंह की गोशाला ध्वस्त हो गई। एक भैंस मलबे में दब गई, जिसे ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला।

पानी में डूबी पढ़ाई

उपमंडल अंब के तहत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टकारला में पिछले कई दिनों से भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। विद्यालय में 181 छात्र और 17 शिक्षक-स्टाफ कार्यरत हैं, परंतु तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी स्कूल का हाल जानने नहीं पहुंचे। बच्चे पानी में खड़े होकर पढ़ने को मजबूर हैं।

28 अगस्त तक बारिश का दौर जारी

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में 28 अगस्त तक बारिश जारी रहेगी।
• 23 से 26 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट (भारी बारिश की चेतावनी) जारी है।
• 22, 27 व 28 अगस्त के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
• प्रभावित जिले: कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर।
बीती रात बारिश के आंकड़े (मिमी में) मनाली- 18.0, कुफरी- 14.6, आरएल बीबीएमबी- 15.6, बजौरा- 7.5, धौलाकुआं- 4.0, ऊना- 2.8, नारकंडा- 1.5

अब भारी आर्थिक नुकसान

• 287 लोगों की मौत
• 346 लोग घायल, 38 अब भी लापता
• 138 लोगों की जान सड़क हादसों में गई
• 3,267 मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त
• 2,597 गोशालाएं ढहीं और 1,806 पालतु पशुओं की मौत
• कुल अनुमानित आर्थिक नुकसान 2,282.26 करोड़ रु (2,28,226.86 लाख रु)

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