सरकार का बड़ा फैसला: टोल प्लाज़ा पर डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा, FASTag के बिना भी मिलेगी राहत

15 नवंबर से लागू होने वाले नए नियम के तहत नॉन-FASTag वाहनों को कैश में टोल देने पर डबल चार्ज देना होगा, जबकि UPI से भुगतान करने पर केवल 1.25 गुना टोल देना पड़ेगा। सरकार का लक्ष्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और टोल प्लाज़ा पर जाम को कम करना है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 5 October 2025, 2:48 AM IST
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केंद्र सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और टोल प्लाज़ा पर नकद लेनदेन को कम करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) (तीसरा संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि 15 नवंबर 2025 से टोल टैक्स के भुगतान का तरीका वाहन मालिकों की जेब पर सीधा असर डालेगा।

कैश पर लगेगा डबल, डिजिटल पेमेंट पर 1.25 गुना टोल

नए नियम के तहत अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर नॉन-FASTag वाहनों से भुगतान के आधार पर अलग-अलग शुल्क वसूला जाएगा। यदि कोई वाहन चालक कैश में भुगतान करता है, तो उसे निर्धारित टोल टैक्स का दो गुना (2x) भुगतान करना होगा। लेकिन यदि वह UPI या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से भुगतान करता है तो उसे केवल 1.25 गुना (1.25x) शुल्क देना होगा। अभी तक नॉन-FASTag वाहनों से दोनों ही स्थिति यानी कैश और UPI में डबल चार्ज वसूला जाता था। इस संशोधन के बाद पहली बार UPI पेमेंट करने वालों को छूट मिलेगी।

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उदाहरण से समझिए नया नियम

मान लीजिए किसी वाहन के लिए FASTag के माध्यम से टोल शुल्क ₹100 तय है। कैश भुगतान करने पर यह राशि अब ₹200 होगी। UPI से भुगतान करने पर केवल ₹125 देना होगा। यानी कि अगर ड्राइवर के पास FASTag नहीं है तो भी डिजिटल पेमेंट का विकल्प चुनकर वह ₹75 की बचत कर सकता है। यह बदलाव देशभर में उन लाखों ड्राइवरों के लिए राहत लेकर आया है, जिनके वाहन अभी तक FASTag प्रणाली से नहीं जुड़े हैं।

डिजिटल इंडिया मिशन को मिलेगा बल

सरकार का उद्देश्य इस बदलाव के ज़रिए डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना और टोल पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना है। मंत्रालय का कहना है कि कैश ट्रांजेक्शन कम होने से टोल प्लाज़ा पर जाम घटेगा, वाहन तेजी से पार होंगे और यात्रियों का यात्रा समय बचेगा।

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सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन और स्मार्ट हाईवे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। डिजिटल ट्रांजेक्शन से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि टोल संग्रह में अनियमितता भी कम होगी।”

15 नवंबर से लागू होंगे नए नियम

नया संशोधन 15 नवंबर 2025 से पूरे देश में लागू होगा। मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) (तीसरा संशोधन) नियम, 2025 के तहत अधिसूचित किया है। इस बदलाव के बाद टोल पर भुगतान के तरीके और लेन विभाजन में भी तकनीकी सुधार देखने को मिल सकते हैं। बताया जा रहा है कि मंत्रालय डिजिटल पेमेंट की मॉनिटरिंग के लिए AI-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम और ऑटो-रसीद जेनरेशन तकनीक पर भी काम कर रहा है।

जाम में कमी और पारदर्शिता में सुधार

विशेषज्ञों के मुताबिक, देश के प्रमुख राजमार्गों पर कैश ट्रांजेक्शन के कारण हर वाहन औसतन 4–5 मिनट अतिरिक्त समय लेता है। डिजिटल पेमेंट बढ़ने से यह समय घटकर 30 सेकंड से भी कम हो सकता है। इससे पेट्रोल-डीजल की खपत में कमी और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 5 October 2025, 2:48 AM IST