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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाने वाला जी-राम-जी (VB-G RAM-G) बिल बुधवार सुबह लोकसभा में विपक्ष के तीखे विरोध के बीच पारित हो गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट
लोकसभा में G Ram G विधेयक पास
New Delhi: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लाने वाला जी-राम-जी (VB-G RAM-G) बिल बुधवार सुबह लोकसभा में विपक्ष के तीखे विरोध के बीच पारित हो गया। विपक्षी दलों ने बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग करते हुए सदन के वेल में प्रदर्शन किया और कुछ सांसदों ने बिल की प्रतियां भी फाड़ दीं। भारी हंगामे के बावजूद स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही जारी रखी और कहा कि इस कानून पर पहले ही विस्तृत चर्चा हो चुकी है। अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
बिल के पेश होते ही कांग्रेस, डीएमके और समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने विरोध शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार ने बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के इतना बड़ा बदलाव कर दिया है। सांसदों ने वेल में उतरकर नारेबाजी की और बिल की प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया। स्पीकर ओम बिरला ने सख्त लहजे में कहा, "लोगों ने आपको यहां कागज फाड़ने के लिए नहीं भेजा है। देश आपको देख रहा है।"
कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, डीएमके सांसद टी.आर. बालू और सपा के धर्मेंद्र यादव समेत कई नेताओं ने बिल का विरोध किया। उनका कहना था कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि नया कानून राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ाएगा, जबकि कई राज्य पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष बेवजह नाम बदलने का मुद्दा उछाल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भी अपने समय में कानूनों के नाम नेहरू परिवार से जोड़े थे। चौहान ने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का माध्यम बन गया था और नया कानून सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद लाया गया है। उनका दावा था कि यह बिल ग्रामीण विकास और रोजगार को ज्यादा प्रभावी बनाएगा।
कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से कहा कि विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध जारी रखेगा। उन्होंने कहा,"जो भी इस बिल को पढ़ेगा, उसे समझ आ जाएगा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को खत्म करने की तैयारी है। यह बिल गरीब विरोधी है और राज्यों पर फंडिंग का अतिरिक्त बोझ डालता है।"
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केंद्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने सदन में कागज फाड़ने की घटना को निंदनीय बताया और कहा कि लोकतंत्र में ऐसे आचरण की कोई जगह नहीं है। वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन सदन के भीतर इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘राम’ नाम महात्मा गांधी के विचारों से जुड़ा हुआ है और इसे लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। लोकसभा से पास होने के बाद अब यह बिल राज्यसभा में पेश होगा, जहां इस पर अगली राजनीतिक जंग देखने को मिल सकती है।