हिंदी
मां योजना में गंभीर अनियमितताएं मिलने के बाद राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने स्वास्तिक हॉस्पिटल भीलवाड़ा को 7 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी किया। 1777 TIDs में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद अस्पताल से दस्तावेज सहित जवाब तलब किया गया है। समय पर स्पष्टीकरण न देने पर पेनल्टी कार्रवाई होगी।
भीलवाड़ा के स्वास्तिक हॉस्पिटल पर लटकी कार्रवाई की तलवार
Rajasthan: भीलवाड़ा के स्वास्तिक हॉस्पिटल पर एक बार फिर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी (RSHAA) द्वारा किए गए हालिया ऑडिट में ‘मां योजना’ के तहत गंभीर विसंगतियां सामने आने के बाद विभाग ने हॉस्पिटल को 7 दिन के भीतर जवाब देने का कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। यह नोटिस 18 नवंबर को एजेंसी द्वारा जारी किया गया, जिसमें कई गंभीर आरोपों का उल्लेख किया गया है। इस मामले में हॉस्पिटल के डॉ. अमित तुरकिया से फोन पर बात की गई तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि हमें ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है, जबकि नोटिस की कॉपी डाइनामाइट न्यूज के पास उपलब्ध है।
एजेंसी ने नोटिस में बताया कि मां योजना के अंतर्गत अस्पताल द्वारा किए गए कार्यों में कई अनियमितताएं प्रथम दृष्टया सामने आई हैं। ऑडिट के दौरान एनेक्सचर-A में दर्ज 1777 TIDs (ट्रीटमेंट आईडी) की जांच में गड़बड़ियां पाई गई। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह लिस्ट अंतिम नहीं है और विस्तृत ऑडिट के बाद और TIDs भी इसमें जोड़े जा सकते हैं। इन सभी मामलों में हॉस्पिटल द्वारा उपचार, बिलिंग और योजना के दिशा-निर्देशों के पालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
नोटिस की कॉपी सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़ के पास उपलब्ध है।
नोटिस में कहा गया है कि मां योजना के तहत स्वास्तिक हॉस्पिटल की कार्यप्रणाली गाइडलाइंस के प्रतिकूल पाई गई, जो एक गंभीर "ग़लत काम और ग़लत गतिविधि" की श्रेणी में आती है। विभाग ने अस्पताल प्रबंधन डायरेक्टर और मैनेजिंग डायरेक्टर से 7 कार्यदिवस के भीतर विस्तृत स्पष्टीकरण देने को कहा है। अस्पताल को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जवाब में सभी तथ्यात्मक और दस्तावेजी सबूत शामिल कर विभाग को ईमेल अथवा पोस्ट के माध्यम से भेजे।
स्पष्टीकरण भेजने के लिए विभाग ने दो ईमेल आईडी जारी की हैं। साथ ही स्पष्ट किया है कि निर्धारित समयसीमा में जवाब नहीं मिलने पर एजेंसी आगामी कार्रवाई के लिए बाध्य होगी, जिसमें पेनल्टी लगाना या अन्य प्रशासनिक कदम शामिल हो सकते हैं। नोटिस में यह भी उल्लेख है कि यदि अस्पताल संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहता है तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि स्वास्तिक हॉस्पिटल का नाम इससे पहले भी अनियमितताओं के चलते विवादों में आ चुका है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग कई बार मां योजना और अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाओं के तहत काम करने वाले निजी अस्पतालों में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाता रहा है। इस नए नोटिस ने एक बार फिर अस्पताल पर प्रशासनिक दबाव बढ़ा दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मां योजना जिसका उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य और नवजात शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराना है, उनके अंतर्गत अनियमितताओं के मामले बेहद गंभीर माने जाते हैं, क्योंकि इससे सीधे गरीब और जरूरतमंद परिवारों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में सरकार और RSHAA किसी भी तरह की लापरवाही पर शून्य सहिष्णुता की नीति अपना रही है।
वहीं, अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि स्वास्तिक हॉस्पिटल अगले सात दिनों के भीतर अपने पक्ष में क्या सफाई देता है और क्या विभाग उसके स्पष्टीकरण को स्वीकार करता है या फिर कड़ी कार्रवाई की तरफ बढ़ता है।