दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में, AQI 400 पार, स्मॉग से घुट रही राजधानी

वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है और AQI 400 के पार दर्ज किया गया है। स्मॉग और धुंध की मोटी परत से दृश्यता घटी है और सांस के मरीजों को खासी दिक्कत हो रही है। हालात को देखते हुए CAQM ने वाहन प्रदूषण कम करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 December 2025, 8:38 AM IST
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New Delhi: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने एक बार फिर खतरनाक स्तर छू लिया है। शनिवार सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई, लेकिन कुछ ही देर में आसमान पर स्मॉग की मोटी चादर साफ नजर आने लगी। कई इलाकों में जहरीली धुंध इतनी घनी रही कि दृश्यता काफी कम हो गई। सड़कों पर निकलने वाले लोग मास्क पहने दिखे, वहीं सांस और आंखों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों की परेशानियां और बढ़ गईं।

AQI 400 के पार, हवा गंभीर श्रेणी में

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मानकों के अनुसार ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाता है। इस स्तर की हवा को स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए।

एम्स और आनंद विहार में हालात ज्यादा खराब

शनिवार सुबह एम्स क्षेत्र में स्मॉग की घनी परत छाई रही, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। यहां से गुजरने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। आनंद विहार क्षेत्र की स्थिति और भी चिंताजनक रही, जहां AQI 434 दर्ज किया गया। CPCB के अनुसार यह स्तर गंभीर श्रेणी में आता है। इलाके में बस टर्मिनल और भारी यातायात के कारण प्रदूषण का असर ज्यादा देखने को मिला।

आईटीओ और अक्षरधाम भी स्मॉग की चपेट में

आईटीओ क्षेत्र में भी जहरीली स्मॉग की मोटी परत छाई रही। यहां AQI 417 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में है। सुबह के समय सड़क पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही और लोगों को आंखों में जलन की शिकायत करते देखा गया। अक्षरधाम क्षेत्र के आसपास AQI 419 दर्ज किया गया, जिसे भी गंभीर श्रेणी में रखा गया है। यहां यमुना के किनारे फैली नमी और ठंडी हवा के कारण स्मॉग लंबे समय तक टिकी रही।

संसद मार्ग में ‘बहुत खराब’ हवा

संसद मार्ग क्षेत्र में भी दृश्यता कम रही। हालांकि यहां AQI 356 दर्ज किया गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो यह क्षेत्र भी जल्द ही गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है।

स्वास्थ्य पर बढ़ता असर

प्रदूषण के इस स्तर का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे दिनों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। आंखों में जलन, गले में खराश और सिरदर्द जैसी शिकायतें आम हो गई हैं।

CAQM ने बनाई विशेषज्ञ समिति

गंभीर स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक अहम कदम उठाया है। आयोग ने वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रमुख शैक्षणिक विशेषज्ञ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, ऑटोमोटिव अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधि और अन्य क्षेत्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समिति वाहन क्षेत्र से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए एक मजबूत और बहुआयामी रोडमैप तैयार करेगी।

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  • New Delhi

Published : 
  • 13 December 2025, 8:38 AM IST