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दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। CCS की आपात बैठक में सुरक्षा समीक्षा और संभावित जवाबी कार्रवाई पर विचार होगा। क्या सरकार फिर से “ऑपरेशन सिंदूर-2” जैसी कार्रवाई करेगी?
CCS बैठक आज (सोर्स- गूगल)
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐतिहासिक स्थल के पास हुई इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और केंद्र सरकार को तुरंत सतर्क कर दिया है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक आज होने जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी भूटान दौरे से लौटते ही दिल्ली पहुंचेंगे और उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल उपस्थित रहेंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा दिल्ली धमाके की जांच रिपोर्ट, खुफिया इनपुट और सुरक्षा समीक्षा होगा।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह बैठक केवल सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगी। इसमें संभावित जवाबी कार्रवाई, नई सुरक्षा रणनीति और आतंकवाद से निपटने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। देश में अब सवाल उठ रहा है कि क्या “ऑपरेशन सिंदूर-2” फिर से सामने आ सकता है।
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इसका ऐतिहासिक संदर्भ भी है। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद CCS की बैठक में निर्णय लिया गया था कि भारतीय सेना पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम देगी। इस गुप्त अभियान में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें भारी नुकसान पहुंचा।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दिल्ली धमाके की जांच में किसी विदेशी तत्व की भूमिका सामने आती है, तो भारत “सर्जिकल स्ट्राइक” या “प्रेसिशन स्ट्राइक” जैसी कार्रवाई करने की स्थिति में हो सकता है।
दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि धमाके में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक RDX ग्रेड का हो सकता है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। कुछ डिजिटल सुराग पाकिस्तान में स्थित संगठनों की गतिविधियों की ओर संकेत दे रहे हैं।
PM मोदी की अध्यक्षता में होगी बैठक (सोर्स- गूगल)
भूटान से लौटते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के दुश्मन चाहे कहीं भी हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह बयान अब संकेत माना जा रहा है कि सरकार इस धमाके को केवल आतंकी घटना नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमला मानकर देख रही है।
22 अप्रैल को जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद CCS ने बैठक की थी, उसके कुछ दिनों बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई से पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्क को भारी नुकसान हुआ। अब अगर दिल्ली धमाके की जांच में भी पाकिस्तान की भूमिका साबित होती है, तो देश फिर उसी तरह की जवाबी कार्रवाई की संभावना देख रहा है।
सरकार की नीति साफ है “Act of Terror will be treated as an Act of War।” यानी आतंकवाद को युद्ध की चुनौती के रूप में देखा जाएगा। यदि दिल्ली धमाके का संबंध किसी विदेशी ताकत से जुड़ा होता है, तो भारत का जवाब भी उसी स्तर का हो सकता है।
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आज की CCS बैठक में यह तय हो सकता है कि आने वाले दिनों में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा रणनीति किस दिशा में जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजधानी दिल्ली में NSG कमांडो, एयर डिफेंस यूनिट्स और अन्य सुरक्षा बलों को सक्रिय किया गया है।