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तिगड़ी एक्सटेंशन आग हादसे में मौत के दो दिन बाद भी दो शवों की पहचान नहीं हो सकी है। तीन परिवारों ने दावा किया है, जिसके बाद पुलिस ने सभी के डीएनए सैंपल लेकर मिलान की प्रक्रिया शुरू की है। आग में कुल चार लोगों की मौत हुई थी, जिनमें सत्येंद्र उर्फ जिमी भी शामिल था। अवैध पेट्रोल–डीजल स्टोर को हादसे का कारण माना जा रहा है।
दिल्ली अग्निकांड
New Delhi: दक्षिण दिल्ली के तिगड़ी एक्सटेंशन में शनिवार रात चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में चार लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के दो दिन बाद भी दो शवों की पहचान नहीं हो सकी है। दोनों शव आग की लपटों में इतनी बुरी तरह झुलस गए कि परिजन भी पहचान नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल दोनों शव सफदरजंग अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखे गए हैं और डीएनए मिलान के जरिए उनकी शिनाख्त की कोशिश जारी है।
पुलिस के अनुसार, नजफगढ़ के तेजपुर रोड स्थित डिफेंस कॉलोनी के रहने वाले रामदीन, मंगलो और महेंद्र शनिवार शाम तिगड़ी एक्सटेंशन पहुंचे थे। तीनों मृतक सत्येंद्र उर्फ जिमी की दुकान पर जूते खरीदने गए थे। उसी दौरान इलाके में अवैध रूप से संचालित पेट्रोल-डीजल स्टोर के पास अचानक आग भड़क उठी, जिसने देखते ही देखते पूरे चार मंजिला मकान को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को बचने का मौका ही नहीं मिल सका।
बताया जा रहा है कि तीनों में से एक व्यक्ति आग लगने के दौरान किसी तरह वहां से बाहर निकलने में कामयाब हो गया, जबकि बाकी दो लपटों में घिर गए। चौंकाने वाली बात यह है कि बचने वाला तीसरा व्यक्ति अब तक न तो पुलिस के संपर्क में आया है और न ही उसने अपने परिवार से कोई सूचना साझा की। इसी कारण पुलिस यह तय नहीं कर पा रही कि घटनास्थल पर मौजूद तीनों व्यक्तियों में से किन दो की मौत हुई है।
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इस बीच तीनों परिवारों ने पुलिस से संपर्क कर दावा किया है कि मोर्चरी में रखे दोनों शव उन्हीं के स्वजनों के हो सकते हैं। शव अत्यधिक जले होने के कारण पहचान संभव नहीं हो सकी, इसलिए पुलिस ने मंगलवार को दोनों शवों और तीनों परिवारों के सदस्यों के डीएनए सैंपल लिए हैं। डीएनए मिलान रिपोर्ट आने के बाद ही दोनों मृतकों की सटीक पहचान हो सकेगी।
हादसे में जान गंवाने वालों में सत्येंद्र उर्फ जिमी भी शामिल था। स्थानीय लोगों के अनुसार आग लगते ही सत्येंद्र अपनी मां की पुकार अनसुनी कर दूसरों को बचाने के लिए इमारत में वापस चला गया, लेकिन वह खुद ही वापस नहीं लौट सका। उसकी बहादुरी की कहानी पूरे इलाके में चर्चा में है, लेकिन परिवार सदमे में है।
आग लगने के कारणों की जांच में यह बात सामने आई है कि इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर कथित रूप से अवैध पेट्रोल और डीजल का भंडारण किया जा रहा था। शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि यही ज्वलनशील पदार्थ आग के फैलने का मुख्य कारण बना। दमकल विभाग ने इस घटना को बेहद गंभीर मानते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है।
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स्थानीय लोगों ने इलाके में अवैध कारोबारी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि क्षेत्र में कई जगह ज्वलनशील वस्तुओं का अवैध स्टोर खुलेआम चलते हैं, जिनपर कोई निगरानी नहीं होती। लोगों को डर है कि अगर समय रहते ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।
पुलिस और दमकल विभाग पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। पुलिस उस तीसरे व्यक्ति की तलाश में जुटी है जो आग से बचकर निकल गया था। माना जा रहा है कि उसकी मौजूदगी और बयान पूरे मामले की बड़ी कड़ी साबित हो सकते हैं।
फिलहाल पूरे क्षेत्र में शोक और डर का माहौल है। मृतकों के परिवार न्याय और सच्चाई सामने आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह अवैध गतिविधियों पर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करे।