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दिल्ली में रविवार सुबह घने स्मॉग ने शहर को ढक लिया। औसत AQI 381 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। बवाना का AQI 435 ‘गंभीर’ स्तर पर रहा। GRAP संशोधित होकर लागू है, जबकि प्रदूषण रोकने के उपायों पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं।
दिल्ली में घना स्मॉग लौट आया
New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली रविवार सुबह घने स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आई। सुबह 7 बजे औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 381 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। लगातार प्रयासों के बावजूद हवा की गुणवत्ता में गिरावट बनी हुई है। यह स्थिति उस समय सामने आई है जब दिल्ली और एनसीआर में पहले से ही GRAP-IV लागू है।
शनिवार की तुलना में भी हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिखा। शनिवार सुबह AQI 359 था, जबकि रविवार को यह और खराब होकर 381 हो गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में बवाना शीर्ष पर रहा, जहां AQI 435 दर्ज किया गया। यह स्तर सीधे ‘सीवियर’ श्रेणी में आता है। आनंद विहार में भी AQI 429 रहा, जिससे हवा अत्यधिक जहरीली हो गई।
दिल्ली में रविवार सुबह घना स्मॉग
इसके अलावा अन्य इलाकों में भी बेहद खराब स्थिति देखी गई:
इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर भी दृश्यता पर असर पड़ा और पूरा इलाका घने स्मॉग में ढका दिखा। यहाँ AQI 388 दर्ज किया गया।
शनिवार को नेशनल कैपिटल रीजन के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP में महत्वपूर्ण बदलाव किए। अब ‘सीवियर’ श्रेणी के लिए लागू होने वाले कई उपाय GRAP स्टेज III में ही लागू कर दिए गए हैं।
संशोधित GRAP के अनुसार NCR और दिल्ली सरकार यह तय कर सकती है कि सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालय 50% क्षमता पर चलें। केंद्र सरकार भी चाहें तो अपने कर्मचारियों के लिए वर्क-फ्रॉम-होम लागू कर सकती है।
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यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुँचने से पहले ही रोकथाम को प्रभावी बनाया जा सके।
शुक्रवार को AAP दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि राजधानी में प्रदूषण एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि AQI के आंकड़ों में हेरफेर किया जा रहा है और GRAP-III के तहत लगने वाले प्रतिबंधों का पालन नहीं हो रहा।
भारद्वाज ने कहा कि कुछ सरकारी और प्राइवेट निर्माण कार्य जारी हैं, जबकि प्रदूषण 500–700 के स्तर पर होने के बावजूद इसे 300–400 दिखाया जा रहा है ताकि प्रतिबंध लागू न हों।
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CPCB विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना कम है, क्योंकि हवा की गति धीमी है और तापमान में गिरावट से प्रदूषक नीचे स्थिर हो रहे हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।