Delhi Air Pollution: “दिल्लीवासियों को दिया जा रहा है स्लो पॉयझन”, कांग्रेस ने घेरा केंद्र सरकार को, राहुल गांधी ने उठाई ये मांग

दिल्ली के लिए पिछले कई सालों से वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन गया है, जिसका इलाज करने में सरकार कहीं ना कहीं फेल नजर आ रही। सरकारों की लापरवाही के चलते दिल्लीवासियों की सेहत से लगातार खिलवाड़ जारी हैं। खांसी-जुखाम, सांस लेने में तकलीफ और गले में जलन जैसी बीमारियों से दिल्ली के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी परेशान हैं। 

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 29 November 2025, 10:45 PM IST
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New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली के लिए पिछले कई सालों से वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या बन गया है, जिसका इलाज करने में सरकार कहीं ना कहीं फेल नजर आ रही। सरकारों की लापरवाही के चलते दिल्लीवासियों की सेहत से लगातार खिलवाड़ जारी हैं। खांसी-जुखाम, सांस लेने में तकलीफ और गले में जलन जैसी बीमारियों से दिल्ली के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी परेशान हैं।

वहीं अब पूरे मामले को लेकर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर नजर आ रही है, कांग्रेस ने सरकार पर लोगों को धीमा जहर दिये जाने का गंभीर का आरोप लगाया हैं। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की घोषणा के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र तथा दिल्ली की भाजपा सरकार की घेरेबंदी तेज कर दी है। पार्टी ने दावा किया कि दिल्ली का प्रदूषण पिछले छह-सात सालों से हर सीमा लांघ चुका है और राजधानी के नागरिकों को एक तरह से धीमा जहर देकर उनका जीवन कम किया जा रहा है। प्रदूषण के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी पर भी दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की भाजपा और पंजाब की आप सरकार के आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजधानी के लोग त्रस्त हैं।

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संसद में प्रदूषण पर चर्चा की मांग

संसद में राजधानी के प्रदूषण पर चर्चा कराने की राहुल गांधी की मांग के दूसरे ही दिन कांग्रेस के नए मुख्यालय में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पार्टी प्रवक्ता दिल्ली के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि पराली जलने और दीवाली के पटाखे सिर्फ सर्दियों में थोड़ा-बहुत असर डालते हैं मगर प्रदूषण के ये बड़े कारण नहीं हैं। असली कारण तो वे हैं जो साल भर बने रहते हैं जिनकी जवाबदेही दिल्ली सरकार व आस-पास की राज्य सरकारों पर है वे किसानों, हवा या जनसंख्या को दोष देकर अपना दामन नहीं बचा सकतीं।

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प्रदूषण का 30-45 प्रतिशत वाहनों से होता है और सरकार की नाकामी के कारण दिल्ली में टूटी-फूटी सड़कों की वजह से ट्रैफिक की औसत रफ्तार 35-40 किमी प्रति घंटा से घटकर अब केवल 15-20 किमी प्रति घंटा रह गई है। इससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण कई गुना बढ़ गया है।

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Published : 
  • 29 November 2025, 10:45 PM IST