Cyber Crime Report: सावधान! QR कोड फ्रॉड ट्रेंड में, 22 हजार 811 करोड़ की ठगी, 19 लाख से ज्यादा मामले

इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि साल 2024 में अकेले 22,811.95 करोड़ रुपये की ठगी साइबर अपराधियों द्वारा की गई है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 1 July 2025, 3:37 PM IST
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New Delhi News: देश में साइबर अपराध (Cyber Crime) तेजी से एक गंभीर और खतरनाक समस्या बनता जा रहा है। तकनीक के विकास के साथ-साथ साइबर अपराधी भी अपने तरीकों को तेजी से अपग्रेड कर रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि साल 2024 में अकेले 22,811.95 करोड़ रुपये की ठगी साइबर अपराधियों द्वारा की गई है। यह वह आंकड़ा है, जो राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज किया गया है।

2024 में रिकॉर्ड तोड़ साइबर अपराध

साल 2024 में 19.18 लाख साइबर अपराध की शिकायतें NCRP पर दर्ज की गई। जो 2023 की तुलना में बड़ी वृद्धि है। साल 2023 में यह संख्या 15.56 लाख थी, जबकि 2022 में यह आंकड़ा और भी कम था। सिर्फ शिकायतों की संख्या ही नहीं, बल्कि वित्तीय नुकसान भी बेहद चिंताजनक है।

  • 2022 में साइबर फ्रॉड से नुकसान: 2,306 करोड़ रुपये
  • 2023 में नुकसान: 7,496 करोड़ रुपये
  • 2024 में नुकसान: 22,811.95 करोड़ रुपये
  • चार वर्षों में कुल नुकसान: 33,165 करोड़ रुपये से अधिक

QR कोड स्कैम का नया ट्रेंड

हाल के महीनों में QR कोड स्कैनिंग आधारित फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी नकली पोस्टर्स, वॉट्सऐप मैसेज और लिंक के जरिए यूजर्स को फंसाते हैं। पीड़ित जैसे ही QR कोड स्कैन करता है, वह एक फर्जी UPI पोर्टल पर पहुंचता है, जहां से उनके बैंक डिटेल्स चुरा लिए जाते हैं। यह तरीका भारत में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है और सबसे कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाने वाला हथियार बन चुका है।

डिजिटल अरेस्ट और फर्जी पुलिस बनकर डराने की घटनाएं

साइबर ठग अब फर्जी पुलिस अफसर, सरकारी अधिकारी या साइबर सेल के नाम पर कॉल करके लोगों को डराने और पैसे वसूलने लगे हैं। इन मामलों को "डिजिटल अरेस्ट स्कैम" के रूप में जाना जा रहा है। जिसमें पीड़ित को डराकर उनसे UPI के माध्यम से रकम मंगवाई जाती है।

सावधानी ही बचाव है

अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
OTP, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड किसी से साझा न करें।
QR कोड स्कैन करते समय सतर्क रहें।
अनजान व्यक्ति से वॉट्सऐप या सोशल मीडिया चैट से बचें।
डिजिटल अरेस्ट या पुलिस के नाम पर डराने वाले कॉल को गंभीरता से लें और तुरंत रिपोर्ट करें।
लालच में आकर कोई भी अनजान ऐप या लिंक डाउनलोड न करें।
साइबर अपराध की शिकायत तुरंत www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करें।

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