

NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति बने हैं। उनको 768 में से 452 वोट मिले हैं। जानिए INDIA गठबंधन उम्मीदवार बी.सुदर्शन रेड्डी के खाते में कितने वोट आए हैं।
सीपी राधाकृष्णन (Source: Google)
New Delhi: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया। देश के नए उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने कमान संभाली हैं। उनका मुकाबला बी. सुदर्शन रेड्डी से हुआ। मुकाबला बेहद दिलचस्प था, लेकिन जीत सीपी राधाकृष्णन के पाले में आई। सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले हैं, जबकि बी.सुदर्शन रेड्डी के खाते में 300 वोट आए। सीपी राधाकृष्णन 152 वोटों के अंतर से जीते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 767 पड़े हैं, इनमें से 15 वोट अमान्य थे।
17वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन देश के 17वें उपराष्ट्रपति बने हैं। NDA ने कई अहम राजनीतिक बैठक के बाद सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया था। वहीं, INDIA गठबंधन के उम्मीदवार बी.सुदर्शन रेड्डी हैं, जिनको इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सीपी राधाकृष्णन को जीत के लिए 452 वोट मिले हैं।
#VPElection: NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन बने देश के 17वें उपराष्ट्रपति#BreakingNews #NDA #CPRadhakrishnan #VicePresidentElection #VicePresident #DNCard@CPRGuv pic.twitter.com/mfIpQKIN0D
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 9, 2025
दो बार सांसद रह चुके सी. पी. राधाकृष्णन
सी. पी. राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दक्षिण भारत से आते हैं। वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं। साथ ही वे लंबे समय तक पार्टी संगठन में काफी बड़े पदों पर कार्यरत रहे हैं। वर्ष 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया।
बी. सुरदर्शन रेड्डी को हराकर हासिल की जीत
बी. सुरदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलाराम नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद से प्रारंभिक शिक्षा ली और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप रेड्डी के मार्गदर्शन में सिविल और संवैधानिक मामलों में वकालत करने लगे। अब उनको इंडिया गठबंधन ने उम्मीदवार बनाया था, जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा।
जगदीप धनखड़ ने कब दिया था इस्तीफा?
आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को कुर्सी छोड़ दी थीं। उन्होंने 21 जुलाई की रात को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद देश की राजनीति में काफी हलचल हो गई। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ। बतौर राज्यसभा के सभापति दिन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया, लेकिन रात के वक्त उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। धनखड़ ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए इस्तीफे दिया था।