कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी, जिनको विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, सीपी राधाकृष्णन से होगा कांटे का मुकाबला

उपराष्ट्रपति पद के लिए INDIA गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुरदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। न्यायिक और निष्पक्ष छवि वाले रेड्डी का नाम मल्लिकार्जुन खड़गे ने 19 अगस्त को घोषित किया। विपक्ष के इस फैसले को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 19 August 2025, 1:23 PM IST
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New Delhi: भारत में 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनडीए ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने भी अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। मंगलवार 19 अगस्त 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुरदर्शन रेड्डी को विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। सुरदर्शन रेड्डी का चयन विपक्ष की तरफ से एक समझदारी भरा कदम माना जा रहा है। उन्होंने राजनीतिक पृष्ठभूमि से हटकर एक गैर-राजनीतिक, न्यायिक और भरोसेमंद चेहरे को मैदान में उतारा है। विपक्ष इस फैसले के जरिए संविधान, न्यायपालिका और लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व देने का संदेश देना चाहता है।

बी. सुरदर्शन रेड्डी कौन हैं?

बी. सुरदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त रह चुके हैं। उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलाराम नामक गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद से प्रारंभिक शिक्षा ली और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप रेड्डी के मार्गदर्शन में सिविल और संवैधानिक मामलों में वकालत करने लगे।

न्यायिक सफर

8 अगस्त 1988: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सरकारी वकील नियुक्त।
1993: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बने।
2 मई 1993: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने।
5 दिसंबर 2005: गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त।
12 जनवरी 2007: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
8 जुलाई 2011: सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए।
मार्च 2013: गोवा के पहले लोकायुक्त बने।

विपक्ष की नई रणनीति

बी. सुरदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर विपक्ष ने यह साफ संदेश दिया है कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों के लिए निष्पक्ष, गैर-राजनीतिक और संविधान में विश्वास रखने वाले चेहरे को तरजीह मिलनी चाहिए। सुरदर्शन रेड्डी की ईमानदारी और न्यायिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है।

बीजेपी के लिए चुनौती?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सुरदर्शन रेड्डी जैसे व्यक्ति को विपक्ष की ओर से मैदान में लाना बीजेपी के लिए एक नैतिक चुनौती हो सकती है। यदि एनडीए की ओर से कोई पूरी तरह राजनीतिक उम्मीदवार होगा तो विपक्ष इसे न्याय बनाम राजनीति के नजरिए से पेश कर सकता है।

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Published : 
  • 19 August 2025, 1:23 PM IST