Boycott Turkey: भारत-तुर्की व्यापारिक संबंधों पर तनाव, सीजफायर के बाद बदले समीकरण

India और Pakistan के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम के बाद कूटनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Growthreiki
Updated : 19 August 2025, 11:10 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: India और Pakistan के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम के बाद कूटनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। इस बदलते परिदृश्य में तुर्की का पाकिस्तान को बढ़ता समर्थन चर्चा का विषय बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य उपकरणों और ड्रोन की आपूर्ति के लिए Turkey पर भरोसा किया है। इससे भारत में तुर्की के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'Boycott Turkey' जैसे अभियान जोर पकड़ रहे हैं। इसका असर दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी दिख रहा है।

तुर्की से आयातित उत्पादों पर असर की शुरुआत

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, भारत में तुर्की के कई तरह के उत्पादों की लंबे समय से मांग रही है। कालीन, फर्नीचर, सजावटी सामान, जैतून का तेल, सूखे मेवे, टाइलें, कपड़े और पारंपरिक हस्तशिल्प जैसे उत्पाद भारतीय शहरी बाजारों में खासे लोकप्रिय रहे हैं। साथ ही, तुर्की से आयातित औद्योगिक मशीनरी और कृषि उपकरण भी भारतीय उद्योगों में इस्तेमाल किए जाते हैं।

हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए व्यापार बाजार में इन उत्पादों की मांग में गिरावट के साफ संकेत मिल रहे हैं। कई व्यापार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर भारत में Turkey के खिलाफ सामाजिक विरोध इसी तरह जारी रहा तो इसका तुर्की से आने वाले उत्पादों की खपत पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

व्यापारिक आंकड़ों में गिरावट की स्थिति

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.43 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। इसमें भारत का निर्यात 6.65 बिलियन डॉलर और आयात 3.78 बिलियन डॉलर रहा। भारत तुर्की को मशीनरी, लोहा-इस्पात, तिलहन और कीमती पत्थर जैसे उत्पादों का निर्यात करता है। वहीं, भारत तुर्की से खनिज तेल, फ्लैट स्टील, प्लास्टिक और कपड़ा आयात करता है।

लेकिन फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच दोनों देशों के व्यापार के आंकड़ों में स्पष्ट गिरावट देखने को मिली। भारत का तुर्की को निर्यात 9.7 मिलियन डॉलर घटकर 461 मिलियन डॉलर रह गया, जबकि तुर्की से आयात 232 मिलियन डॉलर घटकर 143 मिलियन डॉलर रह गया। यह गिरावट दर्शाती है कि राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव सीधे तौर पर व्यापार को प्रभावित कर रहे हैं।

पर्यटन क्षेत्र भी प्रभावित

व्यापार के अलावा India और तुर्की के बीच मौजूदा हालात का असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ने की संभावना है। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक Turkey और अजरबैजान जैसे देशों में जाते हैं। लेकिन ceasefire के बाद बदले माहौल और तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के कारण भारतीय पर्यटकों में तुर्की के प्रति उत्साह में कमी देखी जा रही है।

Travel Agencies के अनुसार, हाल के दिनों में तुर्की टूर पैकेज के बारे में पूछताछ में कमी आई है। अगर सामाजिक स्तर पर विरोध जारी रहा तो इसका असर लंबे समय तक रह सकता है। कई एजेंसियों ने आशंका जताई है कि आने वाले महीनों में तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिल सकती है।

क्या व्यापारिक संबंधों में सुधार संभव है?

भारत और तुर्की के बीच आर्थिक संबंध मजबूत रहे हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालात ने इस पर गहरा असर डाला है। अगर कूटनीतिक स्तर पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई तो व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में गिरावट जारी रह सकती है।

Location : 

Published :