सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान: थिएटराइजेशन जरूर होगा, बस समय…

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने थिएटराइजेशन को अनिवार्य बताते हुए कहा कि यह जरूरी है, सवाल केवल समय का है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा कि अगर युद्ध के दौरान विभिन्न एजेंसियों से तालमेल बैठाना हो, तो थिएटर कमांड ही समाधान है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 6 September 2025, 1:07 PM IST
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New Delhi: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि थिएटराइजेशन की प्रक्रिया निश्चित रूप से पूरी होगी और यह केवल समय की बात है कि इसे लागू होने में कितना वक्त लगेगा। उन्होंने इस विषय पर मानेकशॉ सेंटर में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में अपने विचार साझा किए। यह कार्यक्रम 'ऑपरेशन सिंदूर: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडियाज़ डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान' पुस्तक के विमोचन अवसर पर आयोजित किया गया था।

सिर्फ सेना नहीं लड़ती लड़ाईयां

जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि थिएटराइजेशन आज नहीं तो कल होगा और इसके लिए एकजुटता, समन्वय और रणनीतिक समझ की जरूरत है। उन्होंने बताया कि आज की लड़ाइयां केवल सेना द्वारा नहीं लड़ी जातीं, बल्कि इसमें कई एजेंसियां जैसे सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), रक्षा साइबर एजेंसियां, रक्षा अंतरिक्ष एजेंसियां, इसरो, नागरिक उड्डयन, रेलवे, NCC और केंद्र व राज्य प्रशासन की भूमिका होती है।

उन्होंने कहा, "इतनी सारी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। इसीलिए थिएटर कमांड की अवधारणा आज के समय में न केवल उपयुक्त बल्कि अनिवार्य हो गई है। जब युद्ध होता है, तो कमान की एकता और संचालन में स्पष्टता अत्यंत आवश्यक होती है।"

नहीं करनी चाहिए जल्दबाजी- चीफ मार्शल

इस टिप्पणी से कुछ ही समय पहले, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों ने महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित त्रि-सेवा संगोष्ठी 'रण संवाद' में थिएटराइजेशन पर अपने विचार रखे थे। जहां वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने कहा था कि इस प्रक्रिया में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, वहीं नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भी इस विषय पर सावधानी बरतने की बात कही थी। इस पृष्ठभूमि में सेना प्रमुख की यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भी कहा था कि त्रि-सेना कमांड को लेकर मौजूद असहमति को बातचीत और सहयोग के माध्यम से दूर किया जाएगा ताकि राष्ट्रहित सर्वोपरि रहे।

जीएसटी को लेकर क्या जवाब दिया?

बातचीत के दौरान जब GST (वस्तु एवं सेवा कर) में हाल ही में की गई कटौती पर सवाल पूछा गया, तो जनरल द्विवेदी ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे रक्षा गलियारों में निवेश बढ़ेगा और MSME और स्टार्टअप्स को भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सेना अनुसंधान और विकास, प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण, इन तीन मुख्य क्षेत्रों पर फोकस करती है और टैक्स कटौती से इन सभी को लाभ मिलेगा।

भारी सैन्य उपकरणों पर GST की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। इससे आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि UAV (Unarmed Aerial Vehicles) और ड्रोन पर टैक्स दरों में कमी का फैसला भविष्य के युद्धों की तैयारी में बेहद फायदेमंद होगा, क्योंकि आधुनिक युद्धों में इनका योगदान लगातार बढ़ता जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति के बारे में पूछे गए सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद अभी भी राज्य प्रायोजित रूप में मौजूद है। उन्होंने बताया कि घुसपैठ की कोशिशें लगातार हो रही हैं और भारतीय सेना उन्हें सफलतापूर्वक नाकाम कर रही है, हालांकि चुनौती अब भी बरकरार है।

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