डायबिटीज से हड्डियां भी हो सकती हैं कमजोर, जानिए लक्षण, कारण और बचाव के आसान तरीके

मधुमेह न केवल रक्त शर्करा को प्रभावित करता है, बल्कि हड्डियों और जोड़ों को भी नुकसान पहुँचाता है। उच्च शर्करा स्तर हड्डियों को कमज़ोर कर सकता है और फ्रैक्चर का ख़तरा दोगुना कर सकता है। जानें कि हड्डियाँ कमज़ोर क्यों होती हैं, इसके लक्षण क्या हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 15 November 2025, 3:56 PM IST
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New Delhi: भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। अस्वास्थ्यकर आहार, तनाव और असंतुलित जीवनशैली ने इस बीमारी को आम बना दिया है। लोगों का मानना ​​है कि मधुमेह केवल रक्त शर्करा, हृदय, आँखों या गुर्दे को ही प्रभावित करता है, लेकिन इसका हड्डियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। शोध बताते हैं कि मधुमेह के रोगियों में सामान्य व्यक्तियों की तुलना में हड्डियों के फ्रैक्चर होने की संभावना दोगुनी होती है। उच्च रक्त शर्करा सीधे हड्डियों की मज़बूती को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हें कमज़ोर करता है।

मधुमेह हड्डियों को कैसे कमज़ोर करता है?

लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा हड्डियों के निर्माण और टूटने की प्राकृतिक प्रक्रिया को बाधित करता है। इससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियाँ भंगुर हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह ऑस्टियोआर्थराइटिस, लिगामेंट में सूजन और जोड़ों के दर्द का खतरा बढ़ा देता है। लगातार उच्च रक्त शर्करा शरीर में सूजन पैदा करता है, जिसका सीधा असर जोड़ों पर पड़ता है। अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति गठिया में बदल सकती है।

नज़रअंदाज़ न करें ये लक्षण

मधुमेह से पीड़ित लोगों में हड्डियों के कमज़ोर होने के कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:

  • लगातार जोड़ों में दर्द या सूजन
  • मामूली चोट लगने पर भी हड्डियों में फ्रैक्चर
  • चलने में धीरे-धीरे कठिनाई
  • हड्डी के घनत्व में कमी
  • हड्डियों में बार-बार दर्द
  • अगर ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जाँच करवाना ज़रूरी है।

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कैसे करें बचाव?

मधुमेह रोगी कुछ आसान बदलावों से अपनी हड्डियों की रक्षा कर सकते हैं:

  • कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, हरी सब्ज़ियाँ और दालें शामिल करें
  • रोज़ाना कुछ समय धूप में बिताएँ; इससे शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद मिलती है
  • हल्का व्यायाम, योग करें या रोज़ाना टहलें
  • अपना वज़न नियंत्रण में रखें
  • चीनी और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें
  • नियमित जाँच करवाएँ और अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार सप्लीमेंट लें

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Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसका उद्देश्य चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प बनना नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लें। डायनामाइट न्यूज़ ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है।

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  • 15 November 2025, 3:56 PM IST