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पुलिस विभाग में हुए इस फेरबदल को आगामी कानून व्यवस्था, चुनाव तैयारियों तथा अपराध नियंत्रण रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बदलाव से कार्यसंस्कृति, जवाबदेही एवं क्षेत्रीय नियंत्रण पर प्रभावी सुधार दिखाई दे सकता है।
गोरखपुर पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल
Gorakhpur: पुलिस प्रशासन ने जनहित एवं विभागीय कार्यक्षमता को सुदृढ़ करने की दृष्टि से बुधवार को महत्वपूर्ण स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। गठित जनपदीय स्थापना बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रम में पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करेन नैय्यर द्वारा जारी किया गया है।
आदेश के अनुसार कुल पांच उपनिरीक्षकों (ना०पु०) का तबादला किया गया है, जिसमें उन्हें नई कार्यस्थली पर शीघ्र ज्वॉइन करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानांतरण सूची में प्रथम नाम प्रगति यादव का है, जिन्हें थाना तिवारीपुर से स्थानांतरित कर नफीस सेल में नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में उपनिरीक्षक अनीश कुमार सिंह, जो वर्तमान में चौकी प्रभारी गजपुर के पद पर तैनात थे, उन्हें पुलिस लाइन भेजा गया है।
इसके अतिरिक्त उ०नि० प्रशांत पाठक, जो पहले से ही पुलिस लाइन में कार्यरत थे, अब उन्हें चौकी प्रभारी फर्टिलाइजर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं उ०नि० नीरज राय का स्थानांतरण चौकी प्रभारी फर्टिलाइजर से बदलकर पुलिस लाइन किया गया है। सूची में पांचवें स्थान पर उ०नि० विमलेश कुमार गुप्ता का नाम शामिल है, जिन्हें पुलिस लाइन से चौकी प्रभारी बरही भेजा गया था, लेकिन यह आदेश निरस्त कर दिया गया है।
इस आदेश की प्रति विभिन्न पुलिस अधिकारियों और संबंधित इकाइयों को सूचनार्थ एवं आवश्यक अनुपालन हेतु प्रेषित की गई है, जिसमें पुलिस अधीक्षक नगर/लाइन, समस्त क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारियों सहित नफीस सेल, मीडिया सेल, वीआईपी सेल और पीआरओ कार्यालय सम्मिलित हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इन स्थानांतरणों को सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताते हुए कहा गया है कि इसका उद्देश्य कुशल, पारदर्शी एवं परिणाममुखी पुलिसिंग सुनिश्चित करना है। सूत्रों के अनुसार जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, ड्यूटी प्रबंधन के समुचित संचालन तथा कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु यह कदम उठाया गया है।
पुलिस विभाग में हुए इस फेरबदल को आगामी कानून व्यवस्था, चुनाव तैयारियों तथा अपराध नियंत्रण रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बदलाव से कार्यसंस्कृति, जवाबदेही एवं क्षेत्रीय नियंत्रण पर प्रभावी सुधार दिखाई दे सकता है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार विभाग जल्द ही अन्य स्तरों पर भी बदलाव की संभावना पर विचार कर रहा है।