

डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस देने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो गंभीर परिणाम होंगे। अफगानिस्तान ने अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का विरोध किया है। यह विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ा सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप
Washington: दुनिया की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर बगराम एयरबेस अमेरिका को वापस नहीं सौंपा गया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने यह बयान अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर साझा किया, जिससे एक बार फिर अमेरिका और अफगानिस्तान के रिश्तों में तनाव की स्थिति बन गई है। ट्रंप ने लिखा कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस उन लोगों को नहीं देता जिन्होंने इसे बनाया यानी अमेरिका को तो बुरी चीजें होंगी।
बगराम एयरबेस अफगानिस्तान के सबसे प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है। इसका इस्तेमाल 2001 के बाद अमेरिकी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मुख्य आधार के रूप में किया था। यह एयरबेस रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह चीन की सीमा के करीब स्थित है खासतौर पर चीन के परमाणु हथियार निर्माण स्थलों से महज एक घंटे की दूरी पर।
डोनाल्ड ट्रंप
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक बैठक में ट्रंप ने फिर दोहराया कि उनकी प्रशासन बगराम एयरबेस को वापस पाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चीन के बढ़ते प्रभाव और खतरे को देखते हुए यह एयरबेस अमेरिका के लिए अत्यंत जरूरी हो गया है। ट्रंप ने कहा कि हम वह बेस वापस चाहते हैं और इसका एक कारण यह भी है कि यह चीन के परमाणु हथियार निर्माण स्थल से केवल एक घंटे की दूरी पर है।
ट्रंप के इस तीखे बयान के जवाब में अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों ने भी प्रतिक्रिया दी है। अफगान विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ज़ाकिर जलाल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि अफगानिस्तान और अमेरिका को एक-दूसरे से बातचीत करनी चाहिए, लेकिन अमेरिका को अफगानिस्तान के किसी भी हिस्से में सैन्य उपस्थिति बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।
1. अमेरिका-अफगान रिश्तों में और गिरावट: दोनों देशों के बीच संवाद की संभावना घट सकती है।
2. चीन पर परोक्ष दबाव: बगराम एयरबेस चीन की गतिविधियों की निगरानी के लिए अहम ठिकाना है।
3. तालिबान की प्रतिक्रिया: ट्रंप के बयान के बाद तालिबान के सशस्त्र प्रतिक्रिया की भी आशंका बनी हुई है।