ट्रंप का बड़ा फैसला: मित्र देशों को टैरिफ छूट, वैश्विक व्यापार में हलचल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया है जिसके तहत सहयोगी देशों को औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ छूट दी जाएगी। यह आदेश अमेरिका की व्यापार नीति में बड़ा बदलाव लाएगा। भारत जैसे देशों के लिए यह एक नई रणनीतिक चुनौती बन सकता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 7 September 2025, 11:26 AM IST
google-preferred

New Delhi: वॉशिंगटन डीसी 8 अगस्त 2025 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक नया कार्यकारी आदेश जारी कर वैश्विक व्यापार व्यवस्था में एक बार फिर बड़ी हलचल मचा दी है। इस आदेश के तहत अमेरिका उन मित्र देशों को आयात शुल्क (टैरिफ) में छूट देगा, जो अमेरिका के साथ औद्योगिक निर्यात समझौता करने को तैयार होंगे।

आदेश में क्या है ख़ास?

ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश में 45 से अधिक वस्तुओं और उत्पाद श्रेणियों को शामिल किया गया है, जिन पर ‘अलाइंड ट्रेड पार्टनर्स’ को शून्य आयात शुल्क  दिया जाएगा। ये ‘अलाइंड पार्टनर्स’ वे देश होंगे जो अमेरिका के साथ फ्रेमवर्क औद्योगिक निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिका द्वारा निर्धारित रेसिप्रोकल टैरिफ और अन्य शुल्कों में कटौती करने पर सहमत होंगे। ट्रंप ने इसे एक "ग्लोबल ट्रेड रीस्ट्रक्चरिंग मिशन" करार दिया है, जिसका मकसद चीन और अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के प्रभाव को संतुलित करना भी है।

ट्रंप का बड़ा फैसला

किन वस्तुओं पर मिलेगी टैरिफ छूट?

• प्राकृतिक ग्रेफाइट- जो इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों के लिए जरूरी है
• निकेल की विभिन्न श्रेणियां- स्टेनलेस स्टील और ईवी बैटरियों में प्रयोग
• सोने के उत्पाद- पाउडर, पत्ते और बुलियन
• फार्मास्युटिकल कंपाउंड्स- जैसे लिडोकेन, एंटीबायोटिक मिक्सचर
• मेडिकल डायग्नोस्टिक रियाजेंट्स- कोरोना टेस्ट, कैंसर स्क्रीनिंग में इस्तेमाल

अन्य विशेष प्रावधान

इस आदेश के तहत कुछ विमान पुर्जे, कृषि उत्पाद और गैर-पेटेंटेड दवाएं भी छूट के दायरे में लाई गई हैं। साथ ही अब व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR), वाणिज्य विभाग और कस्टम अधिकारी इन टैरिफ माफियों को बिना नए आदेश के लागू कर सकेंगे। हालांकि, इस आदेश ने कुछ पहले दी गई छूटों को रद्द भी कर दिया है। इनमें प्लास्टिक उत्पाद और पॉलीसिलिकॉन (जो सोलर पैनल निर्माण के लिए जरूरी है) प्रमुख हैं।

वैश्विक स्तर पर संभावित असर

इस आदेश से सबसे बड़ा असर उन देशों पर पड़ेगा जो अमेरिका के साथ व्यापार करते हैं लेकिन फ्रेमवर्क समझौते का हिस्सा नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर, स्विट्जरलैंड जैसे देशों पर अब 39% तक का टैरिफ लागू रहेगा, जिससे उनकी निर्यात प्रतिस्पर्धा घट सकती है। यह ट्रंप प्रशासन की स्पष्ट रणनीति है- मित्र बनो, टैरिफ से बचो। इसके जरिए वह व्यापारिक भागीदारों को अमेरिका-केंद्रित आर्थिक नीति अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

जापान और यूरोपीय संघ को फायदा

व्हाइट हाउस ने बताया कि यह टैरिफ छूट उन समझौतों के अनुरूप है, जो जापान, EU और दक्षिण कोरिया जैसे पुराने सहयोगियों के साथ पहले ही किए जा चुके हैं। इन देशों को पहले से ही कुछ औद्योगिक उत्पादों पर 0% टैरिफ का लाभ मिल रहा था। इस आदेश से अब और भी साझेदार देश अमेरिका की ओर रुख करेंगे।

भारत के लिए क्या मायने?

भारत जैसे देशों के लिए यह आदेश दोहरी रणनीति का मौका और चुनौती दोनों है। अगर भारत अमेरिका के साथ औद्योगिक निर्यात समझौता करता है, तो फार्मास्युटिकल्स और आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों में भारी लाभ मिल सकता है। हालांकि, भारत को अपनी टैरिफ नीति में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने अब तक इस आदेश पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 7 September 2025, 11:26 AM IST