ट्रंप ने बढ़ाई भारत की चिंता! एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी, इस विश्लेषण में पढ़ें ट्रंप के वीजा बम से जुड़ा हर जवाब

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के नए आवेदन पर 1 लाख डॉलर की वन-टाइम फीस का ऐलान कर दिया है। इससे खासतौर पर भारतीय IT पेशेवरों में भारी चिंता और भ्रम फैल गया है। व्हाइट हाउस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह शुल्क सिर्फ नए आवेदकों पर लागू होगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 September 2025, 10:59 AM IST
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Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा पर $100,000 (करीब ₹88 लाख) की भारी-भरकम फीस लगाने के ऐलान ने वैश्विक स्तर पर खलबली मचा दी है। खासकर भारतीय IT सेक्टर के लिए यह निर्णय भारी झटका साबित हो रहा है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में 70% से ज्यादा भारतीय ही होते हैं। ट्रंप के इस नए फैसले के बाद अमेरिका में काम करने या वहां जाने की योजना बना रहे हजारों भारतीय पेशेवरों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है।

क्या है H-1B वीजा और ट्रंप का नया नियम?

H-1B वीजा अमेरिका का एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एजुकेशन और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रख सकती हैं। Infosys, TCS, Amazon, Google, Meta और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों के हजारों कर्मचारी इसी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं। अब ट्रंप सरकार ने ऐलान किया है कि हर नए H-1B वीजा आवेदन पर $100,000 की वन-टाइम फीस देनी होगी। यह शुल्क उन कंपनियों द्वारा भुगतान किया जाएगा जो किसी विदेशी कर्मचारी को अमेरिका में नियुक्त करना चाहती हैं। हालांकि, इस नियम को लेकर शुरुआती रिपोर्ट्स में काफी भ्रम की स्थिति बनी रही, जिसे बाद में व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने स्पष्ट किया।

क्या है H-1B वीजा

क्या कहता है व्हाइट हाउस?

लेविट ने कहा कि यह शुल्क सिर्फ नए आवेदनों पर लागू होगा, मौजूदा वीजा धारकों या रिन्यूअल वालों पर नहीं। साथ ही, यह कोई एनुअल चार्ज नहीं है, बल्कि वन-टाइम फीस है। USCIS (U.S. Citizenship and Immigration Services) ने भी साफ किया है कि यह नियम आगामी लॉटरी साइकिल और नये पिटीशन पर ही लागू होगा।

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भारत को क्यों पड़ा भारी असर?

FY2024 में USCIS द्वारा जारी डेटा के अनुसार, H-1B वीजा के कुल 400,000 स्वीकृत आवेदनों में से करीब 71% भारतीय थे। यानी, लगभग 3 लाख भारतीय पेशेवर इस वीजा के तहत अमेरिका में कार्यरत हैं। ऐसे में कोई भी नीतिगत बदलाव सीधे भारत के IT और इंजीनियरिंग सेक्टर को प्रभावित करता है।

एयरपोर्ट्स पर मची अफरा-तफरी

नए नियम की घोषणा के कुछ ही घंटों में दिल्ली, मुंबई जैसे एयरपोर्ट्स पर उन यात्रियों की भीड़ लग गई जो अमेरिका लौटने की तैयारी में थे। कई यात्रियों ने इस डर से अपनी फ्लाइट कैंसल कर दी कि उन्हें अमेरिका में प्रवेश से रोका जा सकता है। San Francisco Chronicle की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के बयान के महज दो घंटे बाद, दिल्ली से न्यूयॉर्क की फ्लाइट टिकट की कीमत ₹37,000 से बढ़कर ₹80,000 तक पहुंच गई। यात्रियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।

भारतीय दूतावास आया सामने

इस हड़कंप के बीच अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर +1-202-550-9931 जारी किया है, ताकि भ्रम की स्थिति में लोग सटीक जानकारी प्राप्त कर सकें।

क्या रिन्यूअल पर भी लगेगा शुल्क?

नहीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल नए वीजा आवेदन (New H-1B Petition) पर लागू होगा। रिन्यूअल कराने वालों पर यह चार्ज लागू नहीं होगा, और जो पहले से अमेरिका में हैं या जिन्होंने FY2025 की लॉटरी जीत ली है, उनके लिए कोई खतरा नहीं है।

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ट्रंप ने क्यों उठाया यह कदम?

1. H-1B वीजा का दुरुपयोग हो रहा है और कई कंपनियां इसका गलत फायदा उठा रही हैं।
2. यह निर्णय अमेरिकी नौकरियों को अमेरिकी नागरिकों के लिए सुरक्षित रखने की दिशा में एक कदम है।

नियम की समीक्षा और अगला कदम

ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा है कि इस नियम की 30 दिनों के भीतर समीक्षा की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप आवेदन प्रक्रिया, दस्तावेजों और फीस ढांचे में और बदलाव हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप की राष्ट्रवादी नीति का हिस्सा है और चुनावी रणनीति से भी जुड़ा हो सकता है।

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