

नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई। भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने को कहा है।
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन
kathmandu: नेपाल में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ती जा रही है। सोमवार से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन अब गंभीर रूप ले चुके हैं, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया बैन के खिलाफ उठे जनआक्रोश ने काठमांडू सहित कई शहरों में तनाव पैदा कर दिया है, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है।
भारत ने अपने नागरिकों को नेपाल यात्रा के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। भारतीय दूतावास की ओर से एडवाइजरी जारी कर कहा गया है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और आपात स्थिति में तुरंत संपर्क करें।
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल
इधर, संयुक्त राष्ट्र ने भी नेपाल की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा, “सरकार को शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करते समय मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों का पालन करना अनिवार्य है।”
गुटेरेस ने आगे कहा कि नेपाल एक जीवंत लोकतंत्र है और वर्तमान संकट का समाधान संवाद से ही संभव है। उन्होंने दोनों पक्षों सरकार और प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे मिलकर बातचीत करें, आपसी विश्वास बढ़ाएं और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने का प्रयास करें। उनका कहना है कि जान-माल के नुकसान से वे बेहद दुखी हैं और स्थिति को जल्द सामान्य करने की आवश्यकता है।
नेपाल में सोशल मीडिया बैन को लेकर शुरू हुए आंदोलन ने युवाओं को सड़क पर ला दिया है। प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंध लागू किए हैं। काठमांडू समेत कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
भारत के लिए भी यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक नेपाल यात्रा करते हैं। भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और नागरिकों को सतर्क रहने तथा आवश्यक निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
संयुक्त राष्ट्र की अपील और भारत की एडवाइजरी से साफ है कि नेपाल में बढ़ते तनाव को शांति और संवाद के रास्ते से सुलझाना आवश्यक है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और मानवाधिकारों का सम्मान ही इस संकट से बाहर निकलने का सबसे सही उपाय है।