

शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। यहां देखें पूरी खबर
शुभांशु शुक्ला (सोर्स- इंटरनेटः
नई दिल्लीः भारत के लिए इस वक्त एक गर्व का पल है, जहां शुभांशु शुक्ला ने देश का नाम रोशन कर दिया है। बता दें कि कई बार टलने वाला एक्सिओम-4 आज पूरा होने जा रहा है, जिसका हिस्सा भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी है। एक्सिओम-4 मिशन का क्रू अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर चले गए हैं। बता दें कि वह Axiom Mission 4 के तहत इस यात्रा पर गए हैं और ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय नागरिक बनेंगे।
ऐसे में जानते हैं कि यूपी से स्पेस स्टेशन तक शुभांशु शुक्ला का सफर कैसा रहा और उन्होंने इस दौरान क्या- क्या कठिनाई झेली है।
शुभांशु शुक्ला का सफरनामा
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: शुभांशु शुक्ला का जन्म अक्टूबर 1985 में लखनऊ में हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मोंटेसरी स्कूल से प्राप्त की और बाद में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से कंप्यूटर साइंस में स्नातक किया। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है।
2. वायुसेना में करियर: शुभांशु शुक्ला जून 2006 में भारतीय वायु सेना में कमीशंड हुए और 2024 तक ग्रुप कैप्टन के पद तक पहुंच चुके हैं। उनके पास 2,000 से अधिक घंटों का उड़ान अनुभव है और उन्होंने कई विमानों को उड़ाया है, जिनमें Su-30 MKI, MiG-21 और Jaguar शामिल हैं।
3. अंतरिक्ष मिशन: जैसा कि आप जानते हैं कि शुभांशु शुक्ला को Axiom Mission 4 के लिए चुना गया है, जो NASA और SpaceX के सहयोग से संचालित हो रहा है। बताते चलें कि इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे और ISS पर 14 दिनों तक रहेंगे।
4. परिवार: शुभांशु शुक्ला की पत्नी डॉ. कामना शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं और उनके एक बेटा है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं और माता आशा शुक्ला गृहिणी हैं।
मिशन की विशेषताएं
इस मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्री ISS पर कई प्रयोग करेंगे, जिनमें जीरो ग्रेविटी में शैवाल प्रजाति के जीवों के पनपने का अध्ययन भी शामिल है। साथ ही यह मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, क्योंकि शुभांशु शुक्ला ISS तक जाने वाले पहले भारतीय नागरिक होंगे।
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