

कतर में चल रही सीजफायर वार्ता के बीच गाजा में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार को उत्तरी गाजा में राहत सामग्री का इंतजार कर रहे 67 फिलीस्तीनियों की इजरायली फायरिंग में मौत हो गई। गाजा भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है और सीजफायर वार्ता अब भी अधर में लटकी हुई है।
गाजा में गहराया संकट
New Delhi: गाजा में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। संयुक्त राष्ट्र की राहत सामग्री का इंतजार कर रही भीड़ पर उत्तरी गाजा में इजरायली सेना ने फायरिंग कर दी, जिसमें 67 फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस भीषण घटना की पुष्टि की है। इस घटना ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान गाजा में चल रहे मानवीय संकट की ओर खींचा है। जहां युद्ध, भुखमरी और बीमारी से हालात बद से बदतर हो चुके हैं।
इजरायल का दावा
इजरायली सेना ने इस फायरिंग पर सफाई देते हुए कहा कि सैनिकों ने संभावित खतरे की आशंका में चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई थीं। सेना का यह भी दावा है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के ट्रकों को निशाना नहीं बनाया और मरने वालों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। हालांकि, ज़मीनी हकीकत और चश्मदीदों के बयान इस दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
इजरायली सेना का हमला
भुखमरी से बिगड़ते हालात
संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) एजेंसी ने चेतावनी दी है कि गाजा अब भुखमरी के मुहाने पर है। उनके अनुसार, जैसे ही 25 राहत ट्रकों का काफिला गाजा में घुसा, वहां जमा भूखी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई और उसी दौरान फायरिंग हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब आटा, पानी और दवाइयों जैसी बुनियादी जरूरतों तक की भारी किल्लत हो गई है। लोगों का जीवित रह पाना ही एक चुनौती बन गया है।
60 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक कुपोषण से 71 बच्चों की मौत हो चुकी है और करीब 60,000 बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हैं। बीते 24 घंटे में ही 18 लोगों की भूख से मौत हुई है। यह आंकड़े इस क्षेत्र में गहराते मानवाधिकार संकट की भयावह तस्वीर पेश करते हैं। रविवार को गाजा के दीर अल-बलाह इलाके में इजरायली सेना ने चेतावनी वाले पर्चे गिराए और नागरिकों को इलाके खाली करने का निर्देश दिया, जिससे दहशत और बढ़ गई है।
58,000 से ज्यादा लोगों की जा चुकी जान
गाजा में जारी संघर्ष अब तक 58,000 से अधिक फिलीस्तीनियों की जान ले चुका है। लाखों नागरिक अपने घरों से बेघर हो चुके हैं और शरणार्थी शिविरों में बेहद खराब हालात में जीवन बिता रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय संगठन इसे "मानवीय आपदा" करार दे चुके हैं।
कतर में जारी है बातचीत
गाजा में चल रही हिंसा के बीच कतर में इजरायल और हमास के बीच 60 दिनों के सीजफायर और बंधकों की रिहाई पर बातचीत जारी है। हालांकि, अब तक किसी ठोस समझौते पर पहुंचने में सफलता नहीं मिली है। रविवार को भी गाजा सीमा के पास कई धमाकों की आवाजें सुनी गईं और इजरायली सेना ने कहा कि वे सैन्य कार्रवाई तब तक जारी रखेंगे जब तक हमास का खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
कैथोलिक चर्च पर हमला
गाजा के एक कैथोलिक चर्च पर हुए हमले में तीन लोगों की मौत की पुष्टि के बाद धार्मिक समुदायों में भी आक्रोश है। पोप फ्रांसिस ने इस हमले की निंदा करते हुए युद्ध की बर्बरता को समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा, "निरपराध लोगों का खून बहाना बंद होना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों।"