आगरा अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट: धर्मांतरण की आड़ में कट्टरपंथ का जाल, भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम

आगरा में अवैध धर्मांतरण के खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। एटीएस और पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह से जुड़े आरोपी न केवल जबरन धर्मांतरण करा रहे थे, बल्कि सोशल मीडिया पर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्रचार भी कर रहे थे। आरोपियों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो न केवल धार्मिक भावनाओं को भड़काते हैं, बल्कि देश विरोधी मानसिकता को बढ़ावा भी देते हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 July 2025, 7:22 AM IST
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Agra News: उत्तर प्रदेश एटीएस और आगरा पुलिस की साझा कार्रवाई में एक बड़ा षड्यंत्र सामने आया है। अवैध धर्मांतरण गिरोह से जुड़े कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की खुली मुहिम चला रखी थी। यह आरोपी पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूजा-पाठ से जुड़ी वीडियो क्लिप डालकर इस्लाम में मूर्ति पूजा को वर्जित बताते हुए बुतपरस्ती की खिलाफत करते थे।

इन वीडियो में वे न केवल हिंदू मान्यताओं का मजाक उड़ाते थे, बल्कि धार्मिक विभाजन की भाषा भी बोलते थे। पुलिस के अनुसार, इन वीडियो में कई बार मंदिरों का जिक्र किया गया है, जिन्हें ऐतिहासिक मुस्लिम आक्रांताओं ने नष्ट किया था।

भड़काऊ वीडियो से देश विरोधी भावना फैलाने की कोशिश

जांच में यह भी सामने आया कि यह गिरोह सोशल मीडिया के लगभग हर बड़े प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टेलीग्राम पर सक्रिय था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की है, जिनमें ऐसे दर्जनों वीडियो मिले हैं जो सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं। इनमें से एक वीडियो में राम मंदिर उद्घाटन का दृश्य है, जहां प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में प्रवेश कर सीढ़ियों पर प्रणाम करते नजर आते हैं। इसके तुरंत बाद एक दूसरा दृश्य ताजमहल का है, जिसमें बैकग्राउंड वॉइस में कहा जाता है कि तारीख है इस्लामी, ये रिश्ते जोड़ने होंगे, बहुत से बन चुके हैं सोमनाथ, अब तोड़ने होंगे।

कई लोग रडार पर

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस नेटवर्क में शामिल लोगों की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हुए हैं। कनाडा में रहने वाला सैय्यद दाऊद नामक व्यक्ति गोवा की रहने वाली एक महिला आयशा को फंडिंग कर रहा था, जो इस नेटवर्क का हिस्सा थी। पुलिस का मानना है कि धर्मांतरण केवल धार्मिक परिवर्तन का मामला नहीं था, बल्कि यह एक सुनियोजित कट्टरपंथी एजेंडा था। गिरोह नए सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए भड़काऊ और भावनात्मक वीडियो का इस्तेमाल करता था। एक बार कोई व्यक्ति जुड़ जाता था तो उसकी आर्थिक, आवासीय और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर उसे संगठन से जोड़े रखने का प्रयास किया जाता था।

युवतियां और युवक दोनों थे निशाने पर

धर्मांतरण में केवल युवतियों को नहीं, बल्कि युवकों को भी लक्ष्य बनाया गया। पुलिस को ऐसे कई मामले मिले हैं जहां युवा लड़कों को पहले वीडियो के जरिए मानसिक रूप से तैयार किया गया, फिर धीरे-धीरे संगठन से जोड़ा गया। इसके बाद उन्हें स्थायी रूप से इस नेटवर्क का हिस्सा बना दिया गया।

पुलिस आयुक्त का बयान

आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि सभी वीडियो की जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये वीडियो कहां और कब बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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