भारत से खुद बिगाड़े थे रिश्ते, 14 साल की जेल और फिर भी चार बार PM, पढ़ें नेपाल के केपी ओली की पूरी कहानी

आखिरकार नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया बैन के बाद भड़की जनरेशन की नाराजगी ने नेपाल में हिंसा फैलाई हुई है। हालांकि, केपी शर्मा का विवादों से पुराना रिश्ता है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 9 September 2025, 2:55 PM IST
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New Delhi: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कुर्सी छोड़ दी हैं। नेपाल सेना की मांग पर मजबूरी में केपी शर्मा ओली को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। केपी शर्मा का सफर आसान नहीं हैं, वह 14 साल तक जेल में भी यह चुके हैं। उनका पूरा नाम खड्ग प्रसाद शर्मा ओली है, लेकिन लोग उन्हें संक्षेप में केपी ओली के नाम से जानते हैं। आज से करीब 73 साल पहले वर्ष 1952 की 23 फरवरी को केपी शर्मा का जन्म नेपाल के तेहराथुम जिले के एक गरीब परिवार में हुआ। जब वो केवल चार साल के थे, उनकी मां का निधन हो गया और उनका लालन-पालन उनकी दादी ने किया।

केपी शर्मा ओली

इस वजह से 14 साल तक जेल में रहे

केपी ओली ने महज 14 साल की उम्र में राजनीति की राह पकड़ ली थी। वर्ष 1966 में उन्होंने नेपाल में राजशाही और पंचायत व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया। वर्ष 1970 में उन्होंने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (CPN) जॉइन की और जल्द ही चर्चित झापा आंदोलन (1970-73) में भाग लेने के कारण गिरफ्तार हो गए। इस आंदोलन का मकसद सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना था। इस आंदोलन की कीमत उन्हें 14 साल की जेल के रूप में चुकानी पड़ी, जिनमें चार साल एकांत कारावास (सॉलिटरी कॉन्फाइनमेंट) में बिताए। जेल से बाहर आने के बाद वह CPN (ML) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य बने और लुंबिनी ज़ोन के इंचार्ज भी रहे।

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गृह मंत्री और विदेश मंत्री तक की जिम्मेदारी निभाई

वर्ष 1991 में नेपाल में बहुदलीय लोकतंत्र की स्थापना हुई और उसी साल ओली झापा-6 से सांसद चुने गए। वर्ष 1994-95 में वह गृह मंत्री, वर्ष 2006-07 में उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने। उसके बाद 2014 में वह CPN-UML के चेयरमैन बने और 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे।

केपी शर्मा ओली

चार बार पीएम बने थे केपी शर्मा

इसके बाद ओली 2018-2021, 2021 (कुछ महीनों के लिए) और अब 15 जुलाई 2024 से फिर प्रधानमंत्री बने थे। यह उनकी चौथी पारी थी। राजनीति में उन्हें एक स्मार्ट, तेज-तर्रार और चालाक रणनीतिकार माना जाता है, जो गठबंधन की गणित में माहिर हैं। वर्ष 2022 के चुनाव में CPN-UML को दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद उन्होंने गठबंधन बनाकर सत्ता हासिल कर ली।

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भारत से खुद बिगाड़े थे रिश्ते

केपी ओली का भारत के साथ रिश्ता हमेशा तनावपूर्ण रहा है। वर्ष 2015 में नेपाल के संविधान को लेकर हुए सीमा विवाद में उन्होंने भारत पर नेपाल की सरकार गिराने का आरोप तक लगाया था। ओली सरकार ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाते हुए नया नक्शा जारी किया। जिससे भारत-नेपाल संबंधों में खटास आ गई। इसके उलट ओली ने चीन के साथ रिश्तों को और मजबूत किया, जिससे भारत और नेपाल के बीच दूरी और बढ़ गई।

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