

नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री ओली को बातचीत के दौरान, इस्तीफे की सलाह दी थी। इससे पहले ही कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
प्रधानमंत्री ओली
Kathmandu: नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री ओली को बातचीत के दौरान, इस्तीफे की सलाह दी थी। इससे पहले ही कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
दरअसल, नेपाल में लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राजधानी काठमांडू सहित देश के कई प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। संसद भवन में जबरन घुसकर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की।
इस्तीफा देने वालों में ओली के अलावा चार कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं, गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव। इससे सरकार की स्थिति और अधिक अस्थिर हो गई है।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 9, 2025
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड', शेर बहादुर देउबा तथा कुछ मौजूदा मंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाकर आगजनी की। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व में यह आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय सिंह दरबार तक पहुंच गए और संसद भवन पर कब्जा कर लिया। काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। कई मंत्री हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर भेजे जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया के जरिए हवाई उड़ानों को बाधित करने की अपील की है। विमानों की उड़ान रोकने के लिए पटाखे, ड्रोन और लेज़र लाइट्स का उपयोग किया जा रहा है। देश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है और स्थिति पर सेना की कड़ी निगरानी बनी हुई है।
वहीं नेपाल में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक तनाव के चलते सरकार ने ईंधन आपूर्ति को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब आम जनता को पेट्रोल और डीज़ल नहीं मिलेगा। केवल आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं, जैसे पुलिस, सेना, स्वास्थ्य, सरकारी विभाग और खाद्य-रसद वाहनों को ही ईंधन दिया जाएगा।