

हार्ट अटैक के दौरान सही समय पर उठाए गए छोटे-छोटे कदम जिंदगी और मौत के बीच फर्क कर सकते हैं। जानिए क्या करें अगर आपको या आपके आसपास किसी को हार्ट अटैक हो जाए। तुरंत इन 5 जरूरी टिप्स को अपनाएं और अपनी जान बचाएं।
इमरजेंसी में हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
New Delhi: दिल का दौरा या हार्ट अटैक आज केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है। यह बीमारी अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। 2024-2025 के बीच हुई रिपोर्ट्स से पता चला है कि हार्ट अटैक के लगभग आधे मरीज उस समय अकेले होते हैं, जब उन्हें तुरंत मेडिकल मदद नहीं मिल पाती। इसी वजह से कई की जान तक चली जाती है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह हार्ट अटैक की स्थिति में क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी रखे। सही समय पर लिए गए कदम आपकी जान बचा सकते हैं।
इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं हार्ट अटैक आने पर क्या करें और किन 5 टिप्स को अपनाना जीवनरक्षक साबित हो सकता है।
अगर आपको अचानक हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हों, तो सबसे पहले 108 या अपने नजदीकी अस्पताल की इमरजेंसी सेवा को तुरंत फोन करें। खुद गाड़ी चलाकर अस्पताल जाने की कोशिश न करें, क्योंकि हालत बिगड़ सकती है। पेशेंट की स्थिति गंभीर हो सकती है, और बिना विशेषज्ञ सहायता के वाहन चलाना जोखिम भरा हो सकता है।
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हार्ट अटैक के दौरान जितना हो सके शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है। किसी कुर्सी पर बैठ जाएं या जमीन पर लेट जाएं। शरीर को ज्यादा हिलाने-डुलाने से बचें, क्योंकि इससे दिल पर दबाव बढ़ सकता है और स्थिति बिगड़ सकती है। आराम करने से दिल को काम करने में मदद मिलती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है।
घबराएं नहीं, शरीर को आराम दें
अगर घर में 300 mg की सामान्य एस्पिरिन उपलब्ध हो और आपको इससे एलर्जी न हो, तो एक गोली चबाकर लें। एस्पिरिन रक्त को पतला करता है और खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को रोकता है। यह हार्ट अटैक के दौरान खून के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि, यह सलाह डॉक्टर की अनुमति के बाद ही लागू करें।
अगर आप दिल के मरीज हैं और आपके डॉक्टर ने आपको नाइट्रोग्लिसरीन दवा दी है, तो हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते ही इसे अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार लें। नाइट्रोग्लिसरीन दिल की धमनियों को खोलने में मदद करता है जिससे खून का प्रवाह बेहतर होता है और दिल को राहत मिलती है।
यदि आप हार्ट अटैक के दौरान अकेले हैं, तो घर का दरवाजा खुला छोड़ दें ताकि मदद के लिए आए हुए लोग या एम्बुलेंस आसानी से अंदर आ सकें। इस दौरान धीरे-धीरे और गहरी सांस लें। यह आपको शांत बनाए रखेगा और शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई को बेहतर कर सकता है। घबराहट से बचना जरूरी है क्योंकि तनाव से हार्ट अटैक की स्थिति और खराब हो सकती है।
सीने में दबाव या भारीपन का महसूस होना, जो लगातार कुछ मिनट तक रहता है या बार-बार होता रहता है।
दर्द का फैलाव जबड़े, कंधे, बाजू या पीठ तक हो सकता है।
सांस फूलना, घबराहट, अधिक पसीना आना।
उल्टी जैसा महसूस होना या चक्कर आना।
महिलाओं और डायबिटीज मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक थकान, अपच या पीठ में दर्द।
अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।
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रोजाना हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और ओमेगा-3 युक्त आहार लें।
धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचें।
रोज कम से कम 30 मिनट हल्की एक्सरसाइज या वॉक करें।
पर्याप्त नींद लें (कम से कम 6-7 घंटे)।
तनाव कम करने के लिए योग, मेडिटेशन या म्यूजिक का सहारा लें।
नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, यहां यह बताना जरूरी है कि डाइनामाइट न्यूज़ किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।