

स्टार प्लस के शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में रणविजय और नॉयना की हरकतों से शाह परिवार में उथल-पुथल मची हुई है। तुलसी परिधि को बचाने के लिए सबूत इकट्ठा कर रही हैं और मिहिर की नॉयना के घर जाने से नए झगड़े सामने आने वाले हैं।
क्योंकि सास भी कभी बहू थी में नया ड्रामा
Mumbai: स्टार प्लस के लोकप्रिय टीवी शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में इस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है। शो में परिधि लगातार अपनी मां तुलसी के खिलाफ चाल चलती दिख रही हैं। वहीं, रणविजय मिहिर के पास परिधि का हाथ मांगने आता है, जिससे घटनाओं का नया मोड़ सामने आता है।
रणविजय को नॉयना अपनी कंपनी में नौकरी देने का वादा करती हैं। इसके साथ ही वह रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में नॉयना के बिजनेस में हेरफेर करने लगता है, जिसके बारे में उसे कुछ भी पता नहीं होता। तुलसी इस दौरान पूरी सतर्कता के साथ रणविजय की हरकतों पर नजर रखती हैं।
ऋतिक को रणविजय की हरकतों का पता चलता है और वह तुलसी को सबकुछ बता देता है। तुलसी परिधि को रणविजय के चुंगल से बचाने का फैसला करती हैं। वह अब वृंदा के साथ मिलकर रणविजय के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी हुई हैं। तुलसी की इस रणनीति से यह साफ है कि वह अपने परिवार और परिधि की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं।
शो में आगे यह देखा जाएगा कि मिहिर तुलसी से वादा करता है कि वह करवा चौथ का त्योहार उनके साथ मनाएगा। लेकिन नॉयना मिहिर को अपने घर बर्थडे का बहाना बनाकर बुला लेती हैं। इससे मिहिर तुलसी को छोड़कर नॉयना के पास चला जाता है और दोनों के बीच भारी झगड़ा होता है। इस बीच नॉयना के नाम का नेकपीस तुलसी के घर पहुंचता है, जिसे देखकर उनका पारा हाई हो जाता है।
तुलसी इन घटनाओं के बाद नॉयना को जोरदार थप्पड़ मारती हैं। इसके अलावा, रणविजय की चालों का पता लगाकर वह परिधि को बचाने और परिवार को संभालने की कोशिश करती हैं। शो में आगे आने वाले एपिसोड में यह देखने को मिलेगा कि तुलसी और वृंदा की संयुक्त रणनीति रणविजय और नॉयना के खिलाफ कितनी कारगर साबित होती है।
Tv Serial update: क्योंकि सास भी कभी बहू थी में तुलसी और मिहिर के बीच आएगी नॉयना, चलेगी नई चाल
‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ का यह नया सीक्वेंस दर्शकों को पूरी तरह उत्साहित कर रहा है। रणविजय और नॉयना की चालें, तुलसी की मेहनत और मिहिर की भूमिका कहानी को और दिलचस्प बना रही हैं। आने वाले एपिसोड में यह देखने की उत्सुकता रहेगी कि क्या तुलसी अपने परिवार और परिधि को इन चालों से बचा पाएंगी और शाह हाउस में शांति स्थापित कर पाएंगी।