हिंदी
मुरादाबाद जिले में बीएलओ सर्वेश सिंह की आत्महत्या से हड़कंप मच गया है। उनके परिवार का आरोप है कि उन्हें बिना ट्रेनिंग के ड्यूटी पर भेजा गया था, जिससे मानसिक दबाव बढ़ा और उन्होंने आत्महत्या कर ली। प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है।
मुरादाबाद बीएलओ ने की आत्महत्या
Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में सर्वेश सिंह नामक एक बीएलओ की आत्महत्या ने प्रशासन और परिवार में हड़कंप मचा दिया है। शनिवार रात (29 नवंबर) को सर्वेश ने एक सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सर्वेश, जो कि कंपोजिट विद्यालय जाहीदपुर सीकमपुर ग्राम पंचायत भगतपुर ब्लॉक में बीएलओ के रूप में कार्यरत थे, पर आरोप है कि उन्हें बिना ट्रेनिंग के बीएलओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस दबाव के कारण वह परेशान थे और परिवार का कहना है कि यही वजह थी जिसके चलते उन्होंने जान दी।
सर्वेश ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी चार बेटियों का ध्यान रखने की अपील की। नोट में सर्वेश ने यह भी लिखा कि "मैं जीना तो चाहता हूं लेकिन अब और प्रेशर नहीं ले पा रहा हूं। मुझे घुटन महसूस हो रही है और मैं डर महसूस कर रहा हूं।" उन्होंने अपनी पत्नी को अपना बकाया पैसा देने की बात भी कही। यह भावुक संदेश इस बात का संकेत था कि सर्वेश पर मानसिक और शारीरिक दबाव बढ़ रहा था, जिससे वह परेशान हो गए थे।
साहब मुझे बचाओ! मुरादाबाद में पत्नी से पति को खतरा, एसएसपी को दी शिकायत
सर्वेश की पत्नी बबली ने आरोप लगाया कि उनके पति को बीएलओ का काम देने से पहले कोई उचित ट्रेनिंग नहीं दी गई थी, जिससे वह सही तरीके से अपना काम नहीं कर पा रहे थे। बबली ने यह भी बताया कि सर्वेश पर काम की बहुत अधिक दबाव था और कुछ फॉर्म खोने के बाद उन पर अतिरिक्त जिम्मेदारी का बोझ डाला जा रहा था। परिवार का कहना था कि इन्हीं कारणों से उनके पति मानसिक तनाव का शिकार हुए और अंततः आत्महत्या का कदम उठाया।
सर्वेश सिंह भोजपुर थाना क्षेत्र के बहेड़ी बेमनाथ गांव के निवासी थे। वह ब्लॉक भगतपुर के कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा, उन्हें बूथ संख्या 406 पर बीएलओ के रूप में काम सौंपा गया था। यह पद पंचायत चुनाव और मतदाता सूची के काम से जुड़ा हुआ था। इस जिम्मेदारी के तहत उन्हें मतदाता सूची की देखरेख और सुधार का कार्य करना था, जिसे लेकर उन पर लगातार काम का दबाव बनाया जा रहा था।
उत्तर प्रदेश में बीएलओ का कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चुनाव प्रक्रिया में योगदान करता है। बीएलओ की जिम्मेदारी के तहत कई दवाब होते हैं, जैसे मतदाता सूची का सही होना, चुनावी आंकड़े अपडेट करना, और मतदान की प्रक्रिया से जुड़ी अन्य कार्यवाहियां। लेकिन ऐसे कार्यों में अक्सर कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, खासकर जब उन्हें उचित प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन को इस प्रणाली में सुधार की आवश्यकता हो सकती है, ताकि कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक तनाव से बचाया जा सके।
मुरादाबाद में अंतर्राज्यीय ट्रैक्टर चोर गिरोह का भंडाफोड़, असम और पं. बंगाल से ऐसे करते थे खेल
इस घटना के बाद, प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस और अधिकारियों ने सुसाइड नोट को गंभीरता से लिया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या सर्वेश पर वाकई दबाव डाला गया था, या फिर उनके आत्महत्या करने के पीछे कोई अन्य कारण था। जिला अधिकारी अनुज सिंह ने कहा कि जांच जारी है और जल्द ही मामले की पूरी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।