

यूपी एसटीएफ ने फर्जी अधिकारी का भेष बनकर ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
साइबर ठगी करने वाले फर्जी अधिकारी गिरफ्तार
लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने सीबीआई, नारकोटिक्स और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर साइबर ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने गैंग के 2 सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान विरेन्द्र यादव (29) उर्फ सूरज पुत्र रामकैलाश यादव ग्राम हसनपुर थाना होलागढ़ जनपद प्रयागराज और सुरजीत कुमार (30) पुत्र प्रेमनाथ तिवारी निवासी बटलर हाईट्स देवा रोड मटियारी थाना चिनहट के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल फोन, 2 नकली आधार कार्ड की छायाप्रति, 1 ब्लैंक चेक, 1 पांच लाख की धनराशि का हस्ताक्षर शुदा ब्लैंक चैक और एक पास बुक, WhatsApp के स्क्रीनशाट, एक यूपी नं. बलेनो कार और 5250 रुपए नकद बरामद किए हैं।
एसटीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी शनिवार को खरगापुर स्थित एसआर-इन होटल थाना गोमती नगर विस्तार जनपद लखनऊ से की है।
जानकारी के अनुसार एसटीएफ यूपी को काफी समय से सीबीआई, नारकोटिक्स, क्राईम ब्रांच के अधिकारी बनकर डिजीटल ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी।
शनिवार 25 अप्रैल को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि किराये के खाते लेकर उसमें डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, गेमिंग एप्प फ्रॉड के पैसों को ट्रान्सफर कराकर उनसे प्राप्त मुनाफे से धनार्जन करने वाले गैंग के कुछ सदस्य खरगापुर स्थित एसआर-इन होटल के पास सफेद कलर की बलेनो कार से आए और मोबाइल में कुछ एप्प डालकर पैसे ट्रान्सफर कराने की बात कर रहे हैं।
इस सूचना पर एसटीएफ ने संज्ञान लिया और टीम गठित कर एसआरएन होटल गोमती नगर विस्तार के पास से दोनों व्यक्तियों को दबोच लिया।
पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त वीरेन्द्र ने बताया कि वे लोग साइबर फ्राड का काम करने वाले लोगों व गैंगों से विभिन्न ऑनलाइन एप्प के माध्यम से सम्पर्क में रहते है।
वे अपनी पहचान छुपाकर छद्म नामों से संपर्क में रहते हैं। वह लोग टेलीग्राम आदि मेसेजिंग एप्प पर ग्रुप बनाते हैं और उसमें लोगों को ऐड करके उन्हें अकाउण्ट देने के बदले कमीशन का ऑफर करते हैं।
उन्होंने कहा कि वे भारतीय नागरिकों को ईडी, सीबीआई आदि का भय दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके फ्रॉड करते हैं।
फ्राड के रूपये हम लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गये बैंक खातों में ट्रान्सफर कराते हैं और विभिन्न एप के माध्यम से इन रूपयों को वे लोग अलग अलग खातों में तुरन्त ट्रांसफर कर देते हैं और Binance App के माध्यम से USDT खरीद कर उसे भेज देते हैं, जिसके एवज में हम लोगों को काफी मुनाफा होता है।
इसी तरह से हम लोग फ्राड के रूपयों को USDT में बदलकर उसे कभी भी कैश करवा सकते हैं और हमारा नाम भी कहीं नहीं आता है। फ्राड करते समय अलग अलग व्यक्तियों से बात करने का काम वह और सुरजीत करते हैं। इस काम के लिए हम लोगों द्वारा अलग अलग लोगों से Current Account, Corporate Account की चेक बुक, इंटरनेट बैंकिग की आई डी. पासवर्ड, बैंक खाते पर रजिस्टर्ड सिम की व्यवस्था करते हैं। बार बार OTP न डालनी पड़े इसके लिए बाईपास एप्लीकेशन का प्रयोग करते हैं। जिससे उनमें अधिक से अधिक रूपये ट्रांसफर किये जा सके।
आधार कार्डों की छायापति के बारे में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए हर जगह अलग-अलग आधार कार्ड का प्रयोग करते हैं। बरामद आधार में एक ही आधार नंबर पर दो अलग अलग नाम व पता कूटरचित किया गया।
पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ संबंधित धाराओँ 72/2025 धारा 111, 319(2),318(2), 336, 340, में थाना गोमती नगर विस्तार जनपद लखनऊ में मामला दर्ज किया है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।