

रिश्तों में आई कड़वाहट अगर समय रहते दूर कर दी जाए तो परिवार टूटने से बच सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने, जहां काउंसलर और पुलिसकर्मियों की टीम ने आपसी मनमुटाव में उलझे पति-पत्नी को फिर से एक कर दिया।
Gorakhpur: रिश्तों में आई कड़वाहट अगर समय रहते दूर कर दी जाए तो परिवार टूटने से बच सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने, जहां काउंसलर और पुलिसकर्मियों की टीम ने आपसी मनमुटाव में उलझे पति-पत्नी को फिर से एक कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ रिपोर्ट अनुसार मामला खुशनुमा और शरीफ नामक दंपति का था, जो आपसी झगड़ों और गलतफहमियों के चलते अलग होने की कगार पर आ गए थे। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर के निर्देश पर टीम ने गंभीरता से इसकी सुनवाई शुरू की।
परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने लगातार कई चरणों में पति-पत्नी की काउंसलिंग की, उनकी समस्याओं को सुना और एक-एक बिंदु पर बात कर उन्हें समझाया कि परिवार में मनमुटाव को बातचीत और भरोसे से सुलझाया जा सकता है। इस दौरान पति-पत्नी और उनके परिजनों को उनके अधिकार और जिम्मेदारियों की जानकारी देते हुए आपसी सम्मान और समझदारी से रहने की प्रेरणा दी गई। काउंसलर श्री योगेंद्र गौड़ और श्री अवनीश चौधरी की सूझबूझ, म0 उ0नि0 सुनीता, मु0 आरक्षी रेनू उपाध्याय, मु0 आरक्षी अनीता यादव, और आरक्षी अनीसा चौहान के सहयोग से आखिरकार दोनों पक्षों ने पुरानी रंजिश भुलाकर नए सिरे से साथ रहने का निर्णय लिया।
काउंसलिंग के दौरान दोनों ने अपने-अपने गिले-शिकवे दूर करते हुए एक-दूसरे को माफ किया और आगे से सभी जिम्मेदारियों को मिल-जुलकर निभाने का वादा किया। परिवार परामर्श केंद्र की कोशिशों से न सिर्फ एक घर टूटने से बच गया, बल्कि बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों का भविष्य भी सुरक्षित हो गया।
केंद्र की टीम ने कहा कि कई बार गुस्से और गलतफहमी में लिए गए फैसले जीवनभर पछतावे का कारण बन सकते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में जल्दबाजी के बजाय समझदारी दिखानी चाहिए।
परिवार परामर्श केंद्र गोरखपुर ने दोनों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि समाज में यदि इसी तरह काउंसलिंग के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाए, तो न केवल परिवार टूटने से बचेंगे, बल्कि घरेलू हिंसा, विवाद और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं में भी कमी आएगी।