

जिले के कोखराज थाना क्षेत्र स्थित संदीपन घाट पर सोमवार को गंगा स्नान के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान निखिल गुप्ता (निवासी वार्ड नंबर 24, भरवारी नगर पालिका परिषद) के रूप में हुई है। घटना के बाद घाट और आसपास के इलाके में सन्नाटा और मातम पसर गया।
गंगा स्नान के दौरान युवक की दर्दनाक मौत
Prayagraj: जिले के कोखराज थाना क्षेत्र स्थित संदीपन घाट पर सोमवार को गंगा स्नान के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान निखिल गुप्ता (निवासी वार्ड नंबर 24, भरवारी नगर पालिका परिषद) के रूप में हुई है। घटना के बाद घाट और आसपास के इलाके में सन्नाटा और मातम पसर गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, निखिल अपने दो दोस्तों रोहित (पुत्र स्व. प्रेम चंद्र) और सत्यम पटेल (पुत्र राहुल पटेल) के साथ गंगा स्नान करने के उद्देश्य से संदीपन घाट पहुंचा था। घाट पर जलस्तर सामान्य से काफी ऊपर था और पानी का बहाव बेहद तेज था। निखिल जब पानी में उतरा तो वह अचानक संतुलन खो बैठा और तेज धार में बह गया।
निखिल के डूबते ही उसके दोनों दोस्त भी घबरा गए और खुद को बचाने की कोशिश करने लगे। इस दौरान घाट पर मौजूद स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन निखिल को बचाया नहीं जा सका। घटना की सूचना मिलते ही कोखराज थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
गंगा का जलस्तर अधिक होने और बहाव तेज रहने के कारण पुलिस और स्थानीय बचावकर्मियों को शुरुआती प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीओ सिराथू और थानाध्यक्ष चंद्रभूषण मौर्य ने प्रयागराज एनडीआरएफ (NDRF) की टीम को बुलाया। कई घंटे की मशक्कत के बाद गोताखोरों की मदद से निखिल का शव बरामद किया गया।
शव मिलने की खबर सुनते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मृतक के घर में मातम छा गया है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी घाट पर जमा हो गए और दुख प्रकट किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
हालिया बाढ़ और भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे गहरे पानी में उतरने से बचें, विशेषकर बिना सुरक्षा व्यवस्था के। स्नान या नहाने के दौरान सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि इस तरह की दुखद घटनाएं दोबारा न हों।