

जिले में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जहां एक छात्र रामकेश रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। वह सुबह शौच के लिए घर से निकला था, लेकिन काफी देर तक वापस नहीं लौटा। गांव वालों और पुलिस ने नहर और आसपास के इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
लापता हुआ पांचवीं का छात्र
Kanpur News: कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र अंतर्गत दलेलपुर गांव में मंगलवार सुबह एक 13 वर्षीय छात्र के रहस्यमय ढंग से लापता हो जाने से इलाके में हड़कंप मच गया। लापता छात्र की पहचान रामकेश पुत्र रमेश के रूप में हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जो पास के एक निजी विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र था। सुबह वह रोज की तरह साढ़े पांच बजे शौच के लिए निकला था, लेकिन काफी देर बाद भी घर नहीं लौटा।
नहर के पास मिली साइकिल
रामकेश के काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजनों को चिंता हुई। मां सुनीता ने छोटे बेटे छोटू को उसे देखने भेजा। जब छोटू दलेलपुर पुल के पास पहुंचा तो करीब 400 मीटर दूर रामकेश की साइकिल लावारिस हालत में खड़ी मिली। आसपास आवाजें लगाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। जिससे परिजनों का शक और गहरा हो गया।
गांव वालों ने चलाया सर्च ऑपरेशन
घटना की जानकारी फैलते ही गांव के दो दर्जन से अधिक लोग जुटे और रस्सों के सहारे नहर में चार किलोमीटर तक तलाश अभियान चलाया गया। बिधनू थाना प्रभारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि गोताखोरों और पीएसी की मदद से नहर में औपचारिक सर्च ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है। नहर में पानी का बहाव तेज होने से बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है।
लकड़बग्घों की मौजूदगी से डर
स्थानीय लोगों और पुलिस को यह भी आशंका है कि कहीं कोई जंगली जानवर जैसे लकड़बग्घा बच्चे को न उठा ले गया हो। क्षेत्र में पहले भी जानवरों की हलचल की खबरें मिल चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नहर किनारे की झाड़ियों और खेतों में भी गहन तलाशी ली जा रही है।
छुट्टियों के बाद पहला स्कूल का दिन था
मां सुनीता ने बताया कि रामकेश पढ़ाई में बेहद होशियार था और पिछली कक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया था। मंगलवार को ही गर्मी की छुट्टियों के बाद उसका पहला स्कूल का दिन था। वह पूरी तरह सामान्य था और किसी भी तरह की नाराजगी या तनाव का कोई संकेत नहीं मिला था।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
रामकेश के लापता होने से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। मां बार-बार बेहोश हो रही है, जबकि पिता रमेश पूरी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उनका बेटा सही-सलामत मिल जाए। गांव में डर और चिंता का माहौल है, क्योंकि इस तरह की घटना पहली बार हुई है।