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                        जयपुर सीजीएसटी के सहायक आयुक्त रति राम मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। 2018 से 2025 के बीच अवैध रूप से अर्जित की गई 2.54 करोड़ की संपत्ति का आरोप। सीबीआई ने जयपुर, अहमदाबाद और अंकलेश्वर में छापेमारी कीं।
 
                                            सहायक आयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज
Jaipur: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 28 अक्टूबर 2025 को एक बड़ा खुलासा करते हुए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) जयपुर के सहायक आयुक्त रति राम मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जन का मामला दर्ज किया है। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि आरोपी अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए स्वयं तथा अपने परिवार के नाम पर 2.54 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है।
जांच में पाया गया है कि रति राम मीणा ने अगस्त 2018 से अगस्त 2025 के बीच जयपुर और अहमदाबाद स्थित सीजीएसटी कार्यालयों में कार्यरत रहते हुए अपनी ज्ञात आय से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित की। सीबीआई के अनुसार, उनके और उनके परिवार के पास मौजूद संपत्ति उनकी वैध आय से लगभग 100 प्रतिशत अधिक है। आरोप है कि रति राम मीणा ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कई फर्जी फर्में, एलएलपी और कंपनियां बनाई थीं।
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सीबीआई की टीमें 28 अक्टूबर को जयपुर, अंकलेश्वर और अहमदाबाद में एक साथ पहुंचीं और अनेक ठिकानों पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान जांच एजेंसी को 1.5 करोड़ रुपए मूल्य के सोने और चांदी के आभूषण, लगभग 35 लाख रुपए की नकद संपत्ति और पोर्श तथा जीप कंपास जैसी लग्जरी गाड़ियां बरामद हुईं। सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान अभी भी जारी है और कई दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, रति राम मीणा और उनके परिवार के पास राजस्थान के विभिन्न जिलों में कई अचल संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों में प्लॉट, मकान और कृषि भूमि शामिल हैं। एजेंसी का मानना है कि यह सब संपत्तियां सरकारी पद का दुरुपयोग करके प्राप्त की गई रिश्वत और अवैध आय से खरीदी गई हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अपने पद का इस्तेमाल व्यवसायियों से लाभ लेने और रिश्वत के रूप में रकम जमा करने के लिए किया।
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सीबीआई ने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद रति राम मीणा, उनके पत्नी और परिजनों से पूछताछ की जा रही है। कई दस्तावेज, बैंक पासबुक, फर्मों के रजिस्ट्रेशन पेपर और डिजिटल रिकॉर्ड भी कब्जे में लिए गए हैं। सीबीआई का कहना है कि इन सबूतों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
