

सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र V के तहत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो भारतीयों को धोखा देने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क से जुड़े थे। आरोपियों के पास से डिजिटल साक्ष्य और दस्तावेज़ बरामद हुए हैं, जो अपराधों को साबित करते हैं।
सीबीआई की कार्रवाई
New Delhi: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र V के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस बार तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी रैकेट से जुड़े थे। ये आरोपी भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर वित्तीय धोखाधड़ी के बड़े मामलों में शामिल थे। सीबीआई के अनुसार, इन गिरफ्तारियों से एक ऐसा संगठित घरेलू सुविधा सहायता नेटवर्क सामने आया है, जो विदेशी साइबर अपराधियों की मदद कर रहा था।
सीबीआई के अधिकारियों ने इन गिरफ्तारियों के लिए व्यापक ऑपरेशन चलाया, जिसमें केरल और गुजरात में तलाशी ली गई। इस ऑपरेशन के दौरान एक आरोपी को केरल से गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य दो को गुजरात से पकड़ा गया। ये गिरफ्तारियाँ उस समय की गईं जब अधिकारियों को डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मिले, जिनसे आरोपियों की अपराधों में सक्रिय भूमिका की पुष्टि हुई।
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गिरफ्तारियों के दौरान सीबीआई को कुछ महत्वपूर्ण डिजिटल उपकरण, केवाईसी दस्तावेज़, सिम कार्ड और संचार रिकॉर्ड मिले, जिन्होंने विदेशी साइबर अपराधियों के साथ घरेलू नेटवर्क के तालमेल का खुलासा किया। यह साबित हुआ कि आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को वित्तीय चैनलों और घरेलू सुविधाओं की मदद प्रदान कर रहे थे। इन साक्ष्यों ने यह स्पष्ट कर दिया कि ये आरोपी वैश्विक स्तर पर सक्रिय साइबर रैकेट का हिस्सा थे।
सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई एक सटीक खुफिया सूचना पर आधारित थी। सीबीआई का मुख्य उद्देश्य ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना है, जो वित्तीय धोखाधड़ी के जरिए भारतीय नागरिकों को हानि पहुंचा रहे हैं। इस प्रकार के अपराधों के खिलाफ सीबीआई की प्रतिबद्धता और रणनीति में उन्नत डिजिटल फोरेंसिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, अंतर-एजेंसी समन्वय और खुफिया अभियान भी इस अभियान का अहम हिस्सा बने हुए हैं।
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों को अब केरल और गुजरात की स्थानीय अदालतों में पेश किया गया है। ट्रांजिट वारंट प्राप्त करने के बाद, उन्हें दिल्ली लाया गया और सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी रिमांड पर सुनवाई की जाएगी। सीबीआई इन अभियुक्तों के खिलाफ आरोपों के अनुसार कानूनी कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो दुनिया भर में भारतीय नागरिकों को प्रभावित कर रहा है।