

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जमकर निशाना साधा है।
लालू यादव और पीएम नरेंद्र मोदी
Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल बनना शुरू हो गया है और सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गए हैं। राज्य का सियासी पारा दिन-ब-दिन चढ़ता जा रहा है। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, "ऐ मोदी जी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में? ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा।"
ऐ मोदी जी,
विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में?
ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा! #LaluYadav #RJD #Bihar pic.twitter.com/ulpz4bifyw
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 5, 2025
लालू यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है। बीजेपी, जेडीयू और एनडीए के अन्य घटक दलों ने इसे तुरंत "क्षेत्रीय द्वेष फैलाने वाला" बयान बताया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह बयान "बिहारी बनाम गुजराती" भावनात्मक खाई पैदा करने की कोशिश है।
हाल ही में बिहार में बीजेपी द्वारा आयोजित बंद के दौरान उत्पन्न स्थिति पर भी लालू यादव ने पीएम मोदी को घेरा था। उन्होंने पूछा कि, "क्या पीएम मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि बिहार की माताओं-बहनों को गाली दी जाए?"
क्या प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपाइयों को आदेश दिया है कि आज पूरे बिहार और बिहारियों की माताओं-बहनों और बेटियों को गाली दो?
गुजराती लोग बिहारियों को इतने हल्के में ना लें? यह बिहार है।
बीजेपी के गुंडे-मव्वाली सम्मानित शिक्षिकाओं, राह चलती महिलाओं, छात्राओं, गर्भवती महिलाओं,…
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 4, 2025
उन्होंने बीजेपी पर शिक्षिकाओं, महिलाओं और पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। इसे लेकर भी बिहार में गहमागहमी तेज हो गई थी।
लालू यादव के इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव "गुजरात बनाम बिहार" के भावनात्मक मुद्दे पर केंद्रित होगा? क्या बीजेपी इसे 'मोदी अपमान' बनाम 'बिहारी स्वाभिमान' की लड़ाई बनाएगी? एनडीए के अंदर ही इस पर अलग-अलग राय है। जहां नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप हैं, वहीं भाजपा के अन्य नेता इसे हवा देने की कोशिश में लगे हैं।