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Miami Beach के Art Basel में Beeple की अनोखी प्रदर्शनी ने तहलका मचा दिया, जहां मार्क जुकरबर्ग, एलन मस्क और जेफ बेजोस को रोबोट डॉग्स के रूप में दिखाया गया। हाइपर-रियलिस्टिक मास्क और मशीनों की हरकतों ने दर्शकों को हैरान और उत्साहित दोनों किया।
Zuckerberg–Musk के चेहरे वाले रोबोट डॉग्स (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: टेक्नोलॉजी और कला के संगम पर आधारित एक बेहद अनोखी प्रदर्शनी ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। अमेरिका के Miami Beach में आयोजित प्रतिष्ठित Art Basel इवेंट में प्रसिद्ध डिजिटल आर्टिस्ट माइक विंकेलमैन, जिन्हें दुनिया Beeple के नाम से जानती है, ने एक ऐसा शो पेश किया जिसने दर्शकों को हैरान कर दिया। इस प्रदर्शनी में दुनिया के सबसे बड़े टेक अरबपतियों- मार्क जुकरबर्ग, एलन मस्क और जेफ बेजोस- को हाइपर-रियलिस्टिक रोबोट डॉग्स के रूप में दिखाया गया।
यह प्रस्तुति न केवल कला प्रेमियों के लिए चौंकाने वाली थी, बल्कि सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे देखकर हैरानी और उत्सुकता दोनों व्यक्त कर रहे हैं।
Beeple की इस प्रदर्शनी का नाम था 'Regular Animals', जिसमें कलाकार ने Landon Meier द्वारा बनाए गए बेहद यथार्थवादी मास्कों का उपयोग किया। इन मास्कों की खासियत यह थी कि पहली नजर में यह मुश्किल था समझना कि यह इंसानी चेहरे हैं या किसी रोबोट की हाई-टेक स्किन।
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इस प्रस्तुति में रोबोट डॉग्स को ऐसे दिखाया गया मानो वे मनुष्य से भी अधिक उन्नत मशीनें हों, जो समाज पर अदृश्य रूप से नियंत्रण कर रही हों। वीडियो में ये 'मशीनें' खुले स्थानों में घूमती नज़र आती हैं। कभी वे पीछे की ओर झुकती हैं, तो कभी दर्शकों को घूरती हुई प्रतीत होती हैं। यह दृश्य कुछ लोगों को दिलचस्प लगा, तो कई दर्शकों ने इसे असहज और डरावना बताया।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के एक हिस्से में ये रोबोट डॉग्स अचानक पीछे झुककर प्रिंट निकालते हुए दिखाई देते हैं, साथ ही स्क्रीन पर 'poop mode' लिखा आता है। इस सीन ने दर्शकों को खूब हंसाया और वीडियो तेजी से वायरल होने लगा।
Beeple ने Mashable से बातचीत में कहा कि इस कलाकृति के पीछे उनका उद्देश्य था-
'यह दिखाना कि आज समाज की सोच, समझ और दृष्टिकोण पर सबसे बड़ा प्रभाव कलाकारों का नहीं, बल्कि टेक अरबपतियों का है।'
जहां पहले कला, लेखन और विचारों से प्रभावित होकर लोग सोचते थे, वहीं अब
Facebook,
Instagram,
X (पूर्व में Twitter)
जैसी सोशल मीडिया कंपनियां लोगों की राय, पसंद और विश्वास पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। Beeple इसी बदलाव को दर्शकों के सामने एक व्यंग्यात्मक, कलात्मक तरीके से पेश करना चाहते थे।
उनके अनुसार, 'हम दिनभर जो भी देखते, पढ़ते और समझते हैं, उस पर इन कंपनियों का बहुत गहरा असर है। रोबोट डॉग्स उसी प्रभाव का प्रतीक हैं-मशीनें जो हमें नियंत्रित करती हैं।'
प्रदर्शनी देखने आए लोग इस बात से रोमांचित थे कि रोबोट डॉग्स में मशहूर अरबपतियों के चेहरे इतने जीवंत रूप में कैसे बनाए गए। कई दर्शकों ने इसे आधुनिक कला की दिलचस्प उड़ान बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे अजीब, डरावना और समाज के भविष्य का संकेत बताया।
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हालांकि यह प्रस्तुति विवादों से भी घिरी रही। कुछ लोगों ने इसे अरबपतियों का अपमान बताया, जबकि कुछ ने इसे कला की स्वतंत्रता का उत्कृष्ट उदाहरण।
लेकिन विवादों के बावजूद Beeple की यह प्रदर्शनी भारी सफल रही। रिपोर्ट्स के अनुसार-
प्रदर्शित सभी रोबोट डॉग्स
निजी कलेक्टर्स ने खरीद लिए।
हर एक की कीमत लगभग 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) बताई जा रही है।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि Beeple न केवल डिजिटल कला में बल्कि आधुनिक भौतिक कला बाजार में भी एक बेहद बड़ा नाम बन चुके हैं।