

महराजगंज जिला अस्पताल परिसर में खड़ी जर्जर सरकारी गाड़ियां और एंबुलेंसें अब सिस्टम की लापरवाही का प्रतीक बन चुकी हैं। कभी जिन गाड़ियों पर अफसरों की गरिमा झलकती थी, वे अब झाड़ियों से ढकी खामोश कबाड़ में तब्दील हो गई हैं।
Mahrajganj: एक दौर था जब जिले के अधिकारियों की शान रही गाड़ियां सड़कों पर रफ्तार से दौड़ती थीं और उनमें बैठे अफसरों की गरिमा साफ झलकती थी लेकिन बदलते वक्त के साथ ये गाड़ियां अब अपनी पहचान तक खो चुकी हैं। सदर अस्पताल परिसर में ऐसी कई सरकारी गाड़ियां खड़ी हैं जो अब कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। कभी इन पर गर्व किया जाता था, आज वही गाड़ियां धूल में सनी खामोश खड़ी हैं।
बदलते दौर में अधिकारियों ने आधुनिक और लग्जरी गाड़ियों का रुख कर लिया है, जिससे ये पुरानी गाड़ियां बिना किसी उपयोग के अस्पताल परिसर में उपेक्षित खड़ी रह गई हैं। केवल अधिकारी वर्ग की ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लाई गई महत्वपूर्ण एंबुलेंसें भी अब उपयोग के लायक नहीं रह गई हैं। जिला अस्पताल में खड़ी दर्जनों एंबुलेंसें पूरी तरह खंडहर बन चुकी हैं। इनमें से ज़्यादातर पर तो अब झाड़ियां तक उग आई हैं, जो सिस्टम की उपेक्षा का जीवंत उदाहरण हैं।